विश्व कप हार के साथ ही खत्म हुआ राहुल द्रविड़ का कार्यकाल, आगे क्या करूंगा सोचने का समय नहीं मिला

भारतीय टीम का तीसरी बार वनडे वर्ल्ड कप जीतने का सपना अधूरा रह गया। टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल मुकाबले में 6 विकेट से मात देने के साथ छठी बार इस खिताब को अपने नाम किया। रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने इस पूरे वर्ल्ड कप में काफी शानदार खेल दिखाया लेकिन वह फिनिश लाइन को पार करने में कामयाब नहीं हो सके। अब इस मेगा इवेंट के खत्म होने के साथ टीम इंडिया में कई बड़े बदलाव भी देखने को मिलेंगे, जिसमें कोचिंग स्टाफ में भी कई नए चेंज होंगे क्योंकि राहुल द्रविड़ का कार्यकाल भी वर्ल्ड कप खत्म होने के साथ समाप्त हो गया है। इसी को लेकर फाइनल के बाद द्रविड़ ने बड़ा बयान भी दिया।

अभी मैंने इसके बारे में सोचा नहीं है


फाइनल मुकाबले में हार के बाद हेड कोच राहुल द्रविड़ ने मीडिया से बात करने आए थे। इस दौरान जब उनके कार्यकाल को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आगे क्या करूंगा इसको लेकर अभी मुझे अधिक सोचने का समय नहीं मिला है, क्योंकि मेरा पूरा ध्यान इस विश्व कप पर लगा हुआ था। मैं मैच खत्म होने के बाद सीधे यहां आ गया हूं। ईमानदारी से कहूं तो मै ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो अपने काम को लेकर आकलन करूं। मुझे इस शानदार टीम और बेहतरीन सपोर्ट स्टाफ के साथ काम करने पर गर्व है। पिछले 2 सालों में मैंने सभी फॉर्मेट में जिन भी खिलाड़ियों के साथ काम किया वह मेरे लिए काफी शानदार अनुभव रहा।

राहुल द्रविड़ ने अपने बयान में आगे कहा कि इस वक्त ड्रेसिंग रूम का माहौल बहुत ही अलग है, सबके अंदर की भावनाएं बाहर निकल रही हैं। एक कोच के तौर पर ये सब देखना मेरे लिए बहुत ही मुश्किल है। उन सभी के साथ काफी समय बिताया है इसी वजह से सबको निजी तौर पर बहुत ही अच्छे से जानता हूं। ये समय उनके लिए काफी कठिन जरूर है।

जूनियर क्रिकेट में तो राहुल द्रविड़ ने बतौर कोच काफी सफलताएं हासिल की थी, मगर टीम इंडिया का हेड कोच बनने के बाद वह भारत को एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जिता सके। उनके मार्गदर्शन में, भारत 2016 अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में उपविजेता रहा था, वहीं 2018 अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता था।

इसके अलावा उन्हें ऋषभ पंत, इशान किशन, श्रेयस अय्यर और वाशिंगटन सुंदर सहित उभरते भारतीय सितारों को तैयार करने का श्रेय भी दिया जाता है।

चार साल तक जूनियर टीमों को कोचिंग देने के बाद, द्रविड़ को जुलाई 2019 में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में क्रिकेट का प्रमुख नामित किया गया था।

हार्दिक के बाहर होने के बाद हमनें प्लान बी को काफी बेहतर तरीके से लागू किया

बांग्लादेश के खिलाफ मैच में हार्दिक पांड्या के चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर होना टीम इंडिया के लिए एक बड़ा झटका जरूर माना जा रहा था। राहुल द्रविड़ ने भी फाइनल के बाद इस बात को माना कि हार्दिक के जानें से टीम के संतुलन पर जरूर इसका असर पड़ा, लेकिन इसका असर टीम के प्रदर्शन पर नहीं दिखाई दिया। ऐसे टूर्नामेंट में अपको प्लान ए, प्लान बी और प्लान सी के साथ जाना होता है। हमने भी अपने कुछ इसी तरह से तैयारी की थी और प्लान बी को काफी बेहतर तरीके से अपना लिया था।