अक्टूबर-नवंबर में ओमान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में टी20 विश्व कप का आयोजन होगा। सोमवार को इसके लिए पाकिस्तान क्रिकेट टीम की घोषणा कर दी गई। खास रिकॉर्ड न होने के बावजूद मध्यक्रम के बल्लेबाज आसिफ अली और खुशदिल शाह पर भरोसा जताया गया है। आसिफ ने 29 और खुशदिल ने 9 मैच खेले हैं।
अनुभवी फखर जमां और विकेटकीपर सरफराज अहमद की छुट्टी कर दी गई। बाबर आजम की कप्तानी वाली पाकिस्तानी टीम विश्व कप से पहले इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 मैच खेलेगी। मुख्य चयनकर्ता मोहम्मद वसीम ने कहा कि आसिफ और खुशदिल के आंकड़े भले ही प्रभावी नहीं हो लेकिन वे अपार प्रतिभाशाली हैं।
टीम : बाबर आजम (कप्तान), शादाब खान, आसिफ अली, आजम खान, हैरिस रऊफ, हसन अली, इमाद वसीम, खुशदिल शाह, मोहम्मद हफीज, मोहम्मद हसनैन, मोहम्मद नवाज, मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद वसीम जूनियर, शाहीन शाह आफरीदी, सोहेब मकसूद। फखर जमां, शाहनवाज दहानी, उस्मान कादिर (रिजर्व)।
मुख्य कोच मिस्बाह व गेंदबाजी कोच वकार ने ये बताया इस्तीफा का कारण
पाकिस्तान
के मुख्य कोच मिस्बाह उल हक और गेंदबाजी कोच वकार यूनुस ने आज अचानक
इस्तीफा दे दिया। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने बताया कि मिस्बाह और
वकार ने इस्तीफा दे दिया है और पूर्व टेस्ट खिलाड़ी सकलैन मुश्ताक और
अब्दुल रज्जाक अंतरिम कोच होंगे। पूर्व ओपनर व कमेंटेटर रमीज राजा को बोर्ड
का नया अध्यक्ष बनाने पर भी चर्चा हो रही है। रमीज ने अपने यूट्यूब चैनल
पर कहा था कि मुझे नहीं लगता कि मिस्बाह और वकार पाकिस्तान टीम के लिए
सर्वश्रेष्ठ कोच हैं।
मिस्बाह ने कहा कि यह देखते हुए कि मुझे अपने
परिवार से दूर बायो सेक्योर इनवायर्नमेंट में समय बिताना चाहिए, मैंने
अपनी भूमिका से हटने का फैसला किया है। वकार ने कहा कि जब मिस्बाह ने उनके
साथ अपने फैसले और भविष्य की योजनाओं को शेयर किया, तो उन्होंने भी इस्तीफा
देने का मन बनाया क्योंकि उन दोनों ने एक साथ अपने पद पर काम करना शुरू
किया था, एक जोड़ी के रूप में काम किया था। मिस्बाह और वकार की नियुक्ति
सितंबर 2019 में हुई थी और अभी भी उनके कार्यकाल में एक साल बाकी था।
मिस्बाह-वकार को नहीं बख्शते रमीज राजा : अख्तर
पाकिस्तान
के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने मिस्बाह व वकार के इस्तीफे को लेकर
प्रतिक्रिया देते हुए तालिबान से तुलना कर दी है। अख्तर ने कहा कि मुझे
लगता है कि मिस्बाह और वकार के इस्तीफे को देखते हुए उनके साथ कुछ वैसा हुआ
है जैसा तालिबान ने अमेरिका के साथ किया था। मुझे लगता है कि वे जानते थे
कि रमीज राजा उन्हें नहीं बख्शेंगे इसलिए उन्होंने जाने का फैसला किया।
दोनों को पीसीबी का फैसला देखना चाहिए था और खुद ही इस्तीफ़ा देकर नहीं
जाना चाहिए था। कुछ बड़ा होगा लेकिन शायद रमीज भाई इनको हटाते नहीं। दोनों
पर अब सवाल उठेंगे कि वे डरकर भाग गए। डरपोक भागने के अलावा और कर ही क्या
सकते हैं।