भारत के इस हिस्से को छू भी नहीं पाया कोरोना, अब तक नहीं मिला कोई मरीज!

कोरोना ने पूरी दुनिया में आतंक मचाया जिसके हर दिन लाखों संक्रमित सामने आए हैं। हर घर में किसी ना किसी रिश्तेदार को कोरोना ने चपेट में लिया ही हैं। दुनिया के हर हिस्से में कोरोना पहुंचा हैं, लेकिन भारत की एक ऐसी जगह हैं जहां कोरोना दस्तक नहीं दे पाया हैं। भारत के इस हिस्से में कोरोना का कोई मरीज नहीं मिला हैं। इस जगह को लेकर दावा किया जा रहा है कि यहां तक कोरोना वायरस नहीं पहुंच पाया, वैसे यहां पहुंच पाना हर किसी के बस की बात भी नहीं है। हम बात कर रहे हैं भारत के अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में मौजूद उत्तरी सेंटिनल द्वीप के बारे में जिसकी गिनती धरती के सबसे एकांत स्थानों में होती है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस सोशल डिस्टेंसिंग की बात कोरोना के दौरान की गई, वो दूरी पहले से ही इस आईलैंड के लोगों ने पूरी दुनिया से बना रखी है। भारत सरकार ने इन्हें संरक्षित जनजाति घोषित कर दिया है और इनसे किसी भी बाहरी व्यक्ति का संपर्क करना मना है। इनके साथ फोटो और वीडियो लेना भी गैर कानूनी है। बताया जाता है कि इस आइलैंड पर जनजाति का वास पिछले 60 हजार सालों से भी ज्यादा वक्त से है। बताया जाता है कि इस टापू पर एक बेहद खतरनाक जनजाति रहती है, जिसने आधुनिक सभ्यता को पूरी तरह से नकार दिया है। भारत समेत पूरी दुनिया से इनका संपर्क जीरो है।

बताया जाता है कि इस समुदाय के लोग, दूसरी दुनिया के लोगों से हमेशा हिंसक तरीके से ही मिले। ये लोग आसमान में नीचे उड़ने वाले हवाई जहाज या हैलिकॉप्टर का स्वागत तीरों, पत्थरों या आग के गोलों से करते हैं। काफी साल पहले इस आइलैंड पर एक कैदी जेल से भागकर पहुंच गया था। आदिवासियों ने उसे भी मार दिया था। ये लोग तीर चलाने में माहिर हैं। इस जनजाति के लोग इतने पिछड़े हुए है कि आज भी इन्हें खेती करना नहीं आता। पूरे इलाके में घने जंगल हैं। इससे अनुमान लगाया जाता है कि यहां के लोग जंगली जानवरों के शिकार और जंगल के फल खाकर पेट भरते हैं। यही वजह है कि कोरोना जैसी महामारी के दौरान भी यहां कोई बीमार नहीं हुआ।