
क्रिकेट की दुनिया में अब ‘बनी हॉप’ स्टाइल में किए गए बाउंड्री कैच इतिहास बन जाएंगे। मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने क्रिकेट के नियम 19.5.2 में बड़ा बदलाव करते हुए एक ही गेंद पर बाउंड्री के बाहर से कई बार हवा में गेंद को छूने (multiple airborne touches) की अनुमति को समाप्त कर दिया है। यह नया नियम 17 जून 2025 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लागू होगा और अक्टूबर 2026 से MCC के आधिकारिक नियमों में जोड़ा जाएगा।
क्या था 'बनी हॉप' कैच और क्यों हुआ विवाद?‘बनी हॉप’ उस स्थिति को कहते हैं जब कोई फील्डर बाउंड्री के पास हवा में कूदते हुए गेंद को बार-बार छूता है या बाहर से अंदर आकर उसे पकड़ता है। इस तकनीक का प्रयोग Michael Neser ने BBL 2023 में किया था, जिससे कैच तो वैध माना गया, लेकिन फैंस और विशेषज्ञों ने इसे 'न्यायसंगत नहीं' माना।
इसके अलावा 2020 में Tom Banton और Matt Renshaw के बीच हुआ रिले कैच भी काफी विवादित रहा। इस तरह के कैच देखने में शानदार जरूर लगते हैं, लेकिन सवाल यह उठने लगे कि क्या यह बल्लेबाज़ के साथ इंसाफ है?
नया नियम: अब कैसे होगा फैसला?पहले क्या था?पुराने नियम 19.5.2 के अनुसार:
—अगर कोई फील्डर बाउंड्री के अंदर से कूदता है, तो वह हवा में रहकर गेंद को कितनी भी बार छू सकता था।
—रिले कैच की स्थिति में टीम के दूसरे खिलाड़ी भी गेंद को बाहर से हवा में छू सकते थे, बशर्ते पहली ज़मीन से टक्कर बाउंड्री के अंदर हुई हो।
अब क्या बदला है?नया नियम 19.5.2 दो भागों में बांटा गया है:उप-नियम 19.5.2.1 – एक बार हवा में गेंद छूने की अनुमति
—कोई भी फील्डर बाउंड्री के बाहर से कूदते हुए केवल एक बार गेंद को छू सकता है।
—उसके बाद उसे हर बार मैदान के अंदर जमीन पर उतरना होगा।
—यदि वह फिर से बाहर जाता है या बाहर गिरता है, तो वह कैच या रनआउट अमान्य होगा और बल्लेबाज़ को चौका मिलेगा।
उप-नियम 19.5.2.2 – रिले कैच की नई शर्तें—यदि कोई फील्डर गेंद को हवा में छूकर अंदर फेंकता है, तो उसे मैदान के अंदर उतरना और वही बने रहना अनिवार्य होगा।
—यदि उसी गेंद के दौरान वह फील्डर फिर से बाहर जाता है, तो उसे बाउंड्री माना जाएगा—भले ही गेंद का अंत क्या हो।
MCC का तर्क: एक मौका, फिर फील्ड के बाहर नहींMCC के मुताबिक, नया नियम इन परिस्थितियों को स्पष्ट और न्यायसंगत बनाने के लिए लाया गया है। MCC ने कहा: अगर कोई फील्डर बाउंड्री के बाहर से कूदता है, तो उसे केवल एक बार गेंद को छूने की अनुमति है। उसके बाद, पूरी डिलीवरी तक वह मैदान के अंदर ही रहना चाहिए। अगर वह फिर से बाहर गया, तो वह बाउंड्री मानी जाएगी।
इस नए नियम के लागू होने से क्रिकेट में बाउंड्री फील्डिंग को लेकर चली आ रही तकनीकी उलझनों पर विराम लग जाएगा। यह बल्लेबाज़ और फील्डर दोनों के लिए एक स्पष्ट और संतुलित स्थिति बनाएगा। ‘बनी हॉप’ जैसी रोमांचक लेकिन विवादित तकनीकों पर अब लगाम लगेगी और मैच की निष्पक्षता बनी रहेगी।