
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में आखिरकार रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने वो सपना पूरा कर लिया, जिसे वो बीते 18 वर्षों से साकार करने की कोशिश कर रही थी। IPL 2025 के फाइनल में पंजाब किंग्स (PBKS) के खिलाफ RCB ने रोमांचक मुकाबले में 6 रन से जीत दर्ज की और पहली बार खिताब अपने नाम किया। इस ऐतिहासिक जीत के चार असली हीरो रहे, जिन्होंने पंजाब किंग्स की ट्रॉफी जीतने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। श्रेयस अय्यर की कप्तानी में पंजाब की टीम इस बार इतिहास रचने के बेहद करीब थी, लेकिन RCB के इन सितारों के आगे उसकी एक न चली।
RCB को जिताने वाले चार सुपरहीरोफाइनल मुकाबले में RCB की जीत के चार नायक रहे—क्रुणाल पंड्या, जितेश शर्मा, भुवनेश्वर कुमार और यश दयाल। इन सभी ने मिलकर पंजाब किंग्स की उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया। खास बात यह रही कि चारों खिलाड़ियों ने अलग-अलग मोर्चों पर अपनी टीम के लिए अहम योगदान दिया। आइए जानते हैं, कैसे इन चारों खिलाड़ियों ने मैच की पटकथा को RCB के पक्ष में मोड़ दिया।
क्रुणाल पंड्या: गेंद से धमाका, विरोधियों को किया ढेरRCB के ऑलराउंडर क्रुणाल पंड्या ने फाइनल में अपनी गेंदबाजी से धमाल मचाया। उन्होंने पंजाब के प्रभसिमरन सिंह और जॉश इंग्लिस को पवेलियन भेजा और 4 ओवर में सिर्फ 17 रन देकर 2 अहम विकेट चटकाए। उनकी सधी हुई गेंदबाजी ने पंजाब की शुरुआत बिगाड़ दी। इसी प्रदर्शन के लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया।
जितेश शर्मा: कम गेंदों में ज्यादा रन, रनों की रफ्तार को दी उड़ानRCB की पारी के दौरान जितेश शर्मा ने महज 10 गेंदों में 24 रन की तूफानी पारी खेली। जब वो क्रीज पर आए, तब टीम का स्कोर 14.5 ओवर में 131/4 था। लेकिन उन्होंने आते ही दो चौके और दो छक्के जड़कर रनगति को तेज कर दिया और टीम का स्कोर 190 तक पहुंचाया। उनका योगदान छोटे आकार का जरूर था, लेकिन बेहद निर्णायक साबित हुआ।
भुवनेश्वर कुमार: अनुभव ने दिखाया कमाल, पलटा मैच का पासाRCB की गेंदबाजी में अनुभवी भुवनेश्वर कुमार ने भी कमाल कर दिया। उन्होंने पंजाब की पारी के 17वें ओवर में नेहाल वढ़ेरा और मार्कस स्टोइनिस को आउट कर मैच को RCB की ओर मोड़ दिया। 4 ओवर में 38 रन देकर 2 विकेट लेकर उन्होंने दबाव के क्षणों में टीम को संभाला और जीत की राह आसान कर दी।
यश दयाल: आखिरी वार से दिलाया जीत का स्वादतेज गेंदबाज यश दयाल ने फाइनल के निर्णायक क्षणों में शानदार गेंदबाजी की। उन्होंने 3 ओवर में मात्र 18 रन देकर एक विकेट लिया, लेकिन वह विकेट बेहद अहम था। उन्होंने अज्मतुल्लाह ओमरजई को आउट कर पंजाब की जीत की आखिरी उम्मीद भी खत्म कर दी और RCB को चैंपियन बना दिया।