अगर जीत नहीं सके तो शतक किस काम के, ऋषभ पंत की सेंचुरी पर बोले गंभीर – टीम का नतीजा ही असली मायने रखता है

लीड्स टेस्ट में मिली हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने साफ कह दिया कि व्यक्तिगत प्रदर्शन चाहे जितना भी शानदार क्यों न हो, अगर टीम मैच नहीं जीतती तो उनका महत्व गौण हो जाता है। गंभीर की यह प्रतिक्रिया तब सामने आई जब उनसे उपकप्तान ऋषभ पंत की दोनों पारियों में शतकीय प्रदर्शन के बारे में पूछा गया।

गंभीर, जो अपने बेलाग बयानों और स्पष्ट सोच के लिए जाने जाते हैं, ने मीडिया से बातचीत में पंत की तारीफ करने के बजाय टीम के नतीजे पर फोकस करने की बात कही। उन्होंने कहा, तीन और शतक बने थे। ये सब सकारात्मक बातें हैं। शुक्रिया।

‘नतीजा सबसे अहम, शतक नहीं’ — गंभीर का दो टूक जवाब

जब गौतम गंभीर से यह पूछा गया कि उन्हें ऋषभ पंत की ट्विन सेंचुरी कैसी लगी, तो उन्होंने एक बार फिर अपनी स्पष्टता का परिचय देते हुए कहा, टीम के लिए जो सबसे जरूरी होता है वो है नतीजा। आप कितनी भी व्यक्तिगत उपलब्धियां गिनवा लीजिए, अगर टीम हार जाती है तो वे उपलब्धियां अधूरी ही मानी जाती हैं।

उन्होंने आगे कहा, अगर आप कहते कि यशस्वी जायसवाल ने शतक जमाया और शुभमन गिल ने बतौर कप्तान पदार्पण में शतक लगाया, तो मुझे अच्छा लगता। केएल राहुल ने भी शतक लगाया और ऋषभ ने दो शतक जमाए। एक ही टेस्ट में पांच शतक लगे, यह बड़ी बात है। लेकिन सवाल का दायरा थोड़ा व्यापक होना चाहिए था।

बुमराह के 5 विकेट भी नहीं बदला मैच का रुख

गंभीर ने जसप्रीत बुमराह के प्रदर्शन को भी सराहा लेकिन उसके साथ यह भी जोड़ दिया कि नतीजा सबसे अहम होता है। उन्होंने कहा, जसप्रीत बुमराह ने पांच विकेट लिए। लेकिन मैच के अंत में यह सब आंकड़ों का हिस्सा रह जाता है अगर टीम जीत दर्ज नहीं कर पाती। हम सभी इन व्यक्तिगत उपलब्धियों को देखकर खुश हो सकते हैं लेकिन उनका मूल्य तभी है जब टीम उस प्रदर्शन को जीत में बदल सके।

'अब इससे सीख लेकर आगे बढ़ना होगा' — गंभीर का निष्कर्ष

गंभीर ने कहा कि भारत को अब इस हार से सीख लेनी चाहिए और अगली चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। उन्होंने टीम के बल्लेबाजी क्रम को लेकर भी संकेत दिए कि आगे सुधार की गुंजाइश है। हमें शीर्ष छह बल्लेबाजों से बड़ी पारियां चाहिए थीं, लेकिन हमने मौके नहीं भुनाए। अब हमें इस अनुभव से सबक लेकर अगली रणनीति बनानी होगी।

उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि 371 रनों का बचाव करने में गेंदबाजों से जिस तीव्रता की उम्मीद थी, वो नज़र नहीं आई। मैच को आखिरी दिन तक खींचने के बावजूद भारत निर्णायक मोड़ पर फिसल गया और इंग्लैंड ने मैच को अपने नाम कर लिया।

टेस्ट में व्यक्तिगत प्रदर्शन बनाम टीम का नतीजा — गंभीर की कोचिंग शैली का परिचय

गौतम गंभीर के ये बयान उनकी कोचिंग फिलॉसफी को भी दर्शाते हैं। वह टीम प्रयास को व्यक्तिगत प्रदर्शन से ऊपर रखते हैं और इसी सोच के साथ वह टीम इंडिया को मानसिक रूप से मजबूत बनाना चाहते हैं। उनके अनुसार, टेस्ट क्रिकेट में शतक और विकेट तब ही मायने रखते हैं जब वे जीत में तब्दील हों।

उनका यह रुख, एक खिलाड़ी से कोच बने व्यक्तित्व की गहराई को दर्शाता है, जहां वह अपने खिलाड़ियों से सिर्फ आंकड़ों की चमक नहीं, बल्कि परिणाम की दिशा में जिम्मेदारी चाहते हैं।

पंत की पारी ऐतिहासिक, लेकिन जीत से दूर


ऋषभ पंत के लिए लीड्स टेस्ट में दोनों पारियों में शतक लगाना किसी भी विकेटकीपर बल्लेबाज के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने यह कर दिखाया कि वह मुश्किल परिस्थितियों में भी रन बना सकते हैं। लेकिन गौतम गंभीर की सोच यह बताती है कि यह टेस्ट क्रिकेट है—जहां व्यक्तिगत शतक नहीं, बल्कि टीम की जीत ही सबसे बड़ा 'स्टेटमेंट' होती है।

अब देखना होगा कि गंभीर की इस ‘टीम फर्स्ट’ नीति भारतीय टीम को सीरीज के बाकी मुकाबलों में किस हद तक प्रेरित करती है