गौतम गंभीर ने नहीं की सूर्यकुमार की पैरवी, इस खिलाड़ी के साथ नहीं करेंगे काम

भारतीय क्रिकेट टीम में टी20 की कप्तानी को लेकर चर्चाएं तेज़ हैं। कहानी में एक ट्विस्ट आ जाने की वजह से कप्तानी को लेकर चर्चाओं ने ज़ोर पकड़ लिया। पहले बताया जा रहा था कि 2024 टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के उपकप्तान रहने वाले हार्दिक पांड्या को कप्तान बनाया जाएगा, लेकिन फिर सूर्यकुमार यादव का नाम कप्तानी के लिए सामने आ गया। BCCI के कई अधिकारी सूर्या को कप्तान बनाने के पक्ष में हैं, जिसमें गौतम गंभीर का भी नाम शामिल किया जा रहा है।

हालांकि सामने आई एक रिपोर्ट में साफ कर दिया गया कि गौतम गंभीर ने सूर्यकुमार यादव को कप्तान बनाने की पैरवी नहीं की थी। 'हिंदुस्तान टाइम्स' की एक रिपोर्ट में बताया गया कि गंभीर ने सीधा-सीधा सूर्यकुमार का नाम कप्तानी के लिए नहीं लिया था। हालांकि गंभीर ने इस बात को साफ कर दिया था कि वह किसी ऐसे कप्तान के साथ काम नहीं करेंगे जिसके वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर चिंता हो। अगरकर अपने विचारों को लेकर स्पष्ट थे।

हालांकि, गंभीर मंगलवार शाम को बीसीसीआई अधिकारियों और चयन समिति के साथ आगे की रणनीति के बारे में अनौपचारिक बातचीत का हिस्सा थे। पता चला है कि इसी बातचीत के दौरान गंभीर और अगरकर ने रोहित की जगह टी20 कप्तान के तौर पर सूर्या के नाम को संभावित उम्मीदवार के तौर पर सुझाया।

हालांकि, यह ध्यान देने वाली बात है कि गंभीर ने सीधे तौर पर सूर्या का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि वह ऐसे कप्तान को प्राथमिकता देंगे, जिसका कार्यभार प्रबंधन चिंता का विषय न हो। सूर्या एक सफ़ेद गेंद के विशेषज्ञ हैं और रोहित और कोहली के संन्यास के बाद इस प्रारूप में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं, इसलिए यह कोई मुश्किल काम नहीं था।

बीसीसीआई के एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, हालांकि गंभीर ने सीधे तौर पर सूर्या के पक्ष में बात नहीं की, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि वह ऐसे कप्तान के साथ काम करना चाहेंगे जिसका कार्यभार उनके लिए बाधा न बने। अगरकर अपने विचारों को लेकर स्पष्ट थे।

चयन समिति में कुछ लोग हार्दिक को कप्तान बनाने के पक्ष में हैं, क्योंकि वह विश्व कप विजेता उप-कप्तान हैं। यह भी तर्क दिया गया कि आईपीएल में खराब प्रदर्शन के बाद विश्व कप में हार्दिक का व्यक्तिगत प्रदर्शन अच्छा रहा।

30 वर्षीय हार्दिक के लिए सबसे बड़ी चिंता उनका चोटिल रिकॉर्ड है। पिछले साल वनडे विश्व कप के शुरुआती दौर में टखने में चोट लगने के बाद वह लगभग छह महीने तक मैदान से बाहर रहे थे।

मंगलवार को बैठक के बाद गंभीर और अगरकर ने हार्दिक से बात की और उन्हें ताजा घटनाक्रमों के बारे में बताया।

सूर्या और गंभीर का रिश्ता काफी पुराना है। गंभीर ने ही केकेआर में सूर्या को उभारा और उन्हें स्टार खिलाड़ियों से भरी टीम में फिनिशर की भूमिका दी। कप्तान के तौर पर हालांकि सूर्या का अनुभव सीमित है, उन्होंने भारत का नेतृत्व केवल सात टी20 मैचों में किया है और आईपीएल में कभी नहीं। साथ ही, 360 डिग्री बल्लेबाज कुछ महीनों में 35 साल के हो जाएंगे। इसलिए, भले ही वह कप्तान बन जाएं, लेकिन उनके लंबे समय तक कप्तान बने रहने की कोई प्रतिबद्धता नहीं हो सकती है।