इस रेस्टोरेंट के भर एक बोर्ड भी लगा हुआ है जिसमे यह लिखा हुआ है की भारतीय सैनिक या उनके परिवार को भोजन रियायती दरो पर मिलता हैI और शहीदों के परिजनों को खाना मुफ्त मिलता हैI दूबे ने बताया, “हमें लगा कि इस इलाके में सीआरपीएफ और बीएसएफ की मूवमेंट ज्यादा है। उनके लिए भोजन की मुफ्त व्यवस्था करनी चाहिए। लेकिन साथ ही उनके आत्मसम्मान को भी ठेस न पहुंचे और उनकी यह सेवा सम्मानित तौर पर करने के इरादे से हमने डिस्काउंट पैटर्न पर इसे शुरू करने का फैसला किया।” कई बार समाज सेवा के नाम पर कुछ लोग अपने नाम का झूठा प्रचार भी करते हैं? दूबे ने कहा, “कोटा इलाके में सेना के शिविर हैं। अधिकारियों को जब इस योजना के बारे में पता चला तो वे पुष्टि करने के लिए आए कि वाकई जवानों को ऐसी कोई सुविधा दी जा रही है या नहीं और कहीं देश सेवा का केवल प्रचार तो नहीं किया जा रहा। लेकिन वे पूरी तरह संतुष्ट होकर गए।” दूबे ने कहा कि वह आगे भी सैनिकों के लिए इस दिशा में और कुछ कर सके तो जरूर करेंगे।