वैदिक पंचांग अनुसार दिनांक 4 जुलाई 2017 को विष्णुशयन एकादशी है अर्थात् भगवान् के शयन का प्रारंभ। देवशयन के साथ ही 'चातुर्मास' भी प्रारंभ हो जाता है। देवशयन के साथ ही विवाह, गृहारंभ, गृहप्रवेश, मुंडनजैसे मांगलिक प्रसंगों पर विराम लग जाता है।पुराणों में इस तिथि का बड़ा महत्व बताया गया है। इस दिन स्वर्ग का भंडार भी बंद रहता है क्योंकि सभी देवी-देवता व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।
भगवान विष्णु के शयन के संबंध में पुराणों में दो कथाएं मिलती हैं। एक कथा के अनुसार भगवान विष्णु का शंखचूर नामक असुर से लंबा युद्ध चला और वह थक गए। इसलिए युद्ध के बाद वह सोने चले गए। जबकि एक अन्य कथा के अनुसार आषाढ़ से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक भगवान राजा बलि को दिए वरदान के कारण पाताल में रहते हैं। इसलिए इन दिनों शुभ काम नहीं होते हैं।