Corona vaccine: जानें कब शुरू होगा बच्चों का वैक्सीनेशन और कौनसा लगेगा टीका?

भारत में कोरोना की तीसरी लहर आने की बात कही जा रही है। डेल्टा+ वैरिएंट (Delta+ Variant) के बढ़ते मामलों और संभावित तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की खबरें सामने आ रही है। ऐसे में बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए उनका टीकाकरण होना बेहद जरुरी है। बच्चों में कोरोना संक्रमण की समीक्षा करने, महामारी से निपटने के नए तरीके खोजने और इसके लिए तैयारियों को मजबूत करने के लिए एक नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप बनाया गया है। बच्चों के वैक्सीनेशन के मुद्दे पर नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने हाल ही में कहा था कि यह ग्रुप कोई छोटा नहीं है। मेरा अनुमान है कि 12 से 18 साल उम्र के बच्चों की संख्या लगभग 13 से 14 करोड़ है। इसके लिए हमें 25-26 करोड़ डोज की जरूरत होगी।

ऐसे में खबर है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, फाइजर और जायडस कैडिला की वैक्सीन को बच्चों के टीकाकरण के लिए मंजूरी मिल सकती है। रविवार को कोविड वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने बताया कि जायडस कैडिला की वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है। जुलाई के आखिर तक या अगस्त में हम 12 से 18 साल उम्र के बच्चों को टीका देना शुरू कर सकते हैं।

डॉ अरोड़ा ने कहा कि ICMR एक स्टडी लेकर आया है। इसमें कहा गया है कि तीसरी लहर देर से आने की संभावना है। हमारे पास देश में हर किसी के वैक्सीनेशन के लिए 6-8 महीने का समय है। आने वाले दिनों में हमारा लक्ष्य हर दिन 1 करोड़ डोज लगाने का है।

इससे पहले शनिवार को एम्स चीफ डॉ रणदीप गुलेरिया ने PTI से बातचीत में कहा था कि बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन आना मील का पत्थर हासिल करने जैसी उपलब्धि होगी। महामारी के कारण पिछले डेढ़ साल में पढ़ाई में बड़ा नुकसान हुआ है। इसलिए स्कूलों को फिर से खोलना होगा। वैक्सीनेशन इसमें अहम भूमिका निभा सकता है। यही इस महामारी से बचने का उपाय है।

बच्चों के लिए तीन वैक्सीन

- भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के 2 से 18 साल उम्र के बच्चों पर हुए फेज 2 और 3 के ट्रायल के नतीजे सितंबर तक आने की उम्मीद है। ड्रग रेगुलेटर से मंजूरी के बाद उस समय के आसपास भारत में बच्चों के लिए टीका आ सकता है।
- अगर इससे पहले फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है, तो यह भी बच्चों के लिए एक विकल्प हो सकता है।
- जायडस कैडिला भी जल्द ही अपनी कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D के इमरजेंसी यूज के अप्रूवल के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास अप्लाई कर सकती है। कंपनी का दावा है कि यह टीका वयस्कों और बच्चों दोनों को दिया जा सकता है।

डॉ गुलेरिया ने कहा कि अगर जायडस की वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है, तो हमारे पास एक विकल्प और होगा। उन्होंने कहा कि हालांकि बच्चों में ज्यादातर मामले हल्के संक्रमण के होते हैं। और कुछ में इसके लक्षण भी नहीं दिखते। हालांकि, वे संक्रमण के कैरियर हो सकते हैं।