राज्यसभा में पेश हुआ महिला आरक्षण विधेयक, लोकसभा में हो चुका पास

नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया। इस बिल को 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' नाम दिया गया है। लोकसभा में बुधवार को महिला आरक्षण बिल पास गया है। महिला सशक्तिकरण और समाज में महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने में इस आरक्षण की बड़ी भूमिका होगी। गुरुवार को राज्यसभा में बिल को पेश किया गया। आज राज्यसभा में इस बिल पर चर्चा की जा रही है। कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला आरक्षण बिल के पक्ष में वोट करने वाले सभी सांसदों को धन्यवाद किया।

नए संसद भवन में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक पेश किया था। इस विधेयक में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। लोकसभा में बुधवार को बिल पर करीब आठ घंटे तक चर्चा हुई और फिर वोटिंग के दौरान पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े। वोटिंग पर्चियों के जरिए की गई।

दरअसल नारी शक्ति वंदन अधिनियम के विरोध में AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनकी ही पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील ने वोट किया था, लेकिन राज्यसभा में ओवैसी की पार्टी का कोई सांसद नहीं है, इसलिए ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि 100 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ ये बिल उच्च सदन से पास हो सकता है।

मोदी सरकार ने 27 साल से लंबित महिला आरक्षण बिल को 19 सितंबर, 2023 को लोकसभा में पेश किया था। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने वाले बिल पर 20 सितंबर को बहस हुई थी, जिसके बाद 21 सितंबर को नारी शक्ति वंदन अधिनियम लोकसभा में पास हो गया था।

अमित शाह बोले- 2029 से पहले नहीं हो पाएगा लागू

लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के सांसदों ने ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान करने और बिना परिसीमन के ही कानून लागू करने की मांग की। लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बिना जनगणना और परिसीमन के किसी सीट को रिज़र्व करना संभव नहीं है। उन्होंने संकेत दिए कि प्रक्रिया पूरी होने में इतना समय लगेगा कि कानून 2029 से पहले लागू नहीं हो पाएगा।

आयोग तय करेगा, कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी


केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में पारित होने के बाद गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सदन में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करना बहुत बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी, ये आयोग फैसला करेगा।



अध्यात्म से अध्यापन तक महिलाओं का विशेष स्थान : नड्डा

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा अध्यात्म से अध्यापन तक नारी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भारतीय संस्कृति में नारी को देवी का स्थान दिया गया। हमारी संस्कृति में नारी को महत्व दिया गया- सीताराम, राधेश्याम। वैदिक काल से लेकर रानी जीजा बाई, अहिल्याबाई होल्कर समेत तमाम महिलाओं की चर्चा की जिन्होंने शासन-सत्ता की बागडोर संभाली। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी महिलाओं की शताब्दी है। हर क्षेत्र में भारत की महिलाएं अपने आपको लीडिंग रोल में लेकर आई हैं।

सोनिया ने बताया राजीव गांधी का सपना

इससे पहले सदन कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की थी। राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। इनमें 27 महिला सदस्य शामिल रहीं।

सोनिया गांधी ने कहा कि ये मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है, पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी ही लेकर आए थे। बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था। राजीव गांधी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पारित होने के साथ वह पूरा होगा। कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। कांग्रेस की मांग है कि यह बिल तुरंत लागू किया जाए और इसके साथ ही जातीय जनगणना भी कराई जाए।

पीएम मोदी ने सभी सदस्यों का धन्यवाद किया

लोकसभा में प्रधानमंत्री नेरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि मैं आज आपके माध्यम से इस बहुत महत्वपूर्ण निर्णय में विश्वास पैदा करने के लिए धन्यवाद करता हूं। देश को नई ऊंचाइयों में ले जाने वाली शक्ति के रूप में उभरेगा। पीएम मोदी ने कहा कि इस पवित्र काम को करने के लिए आप सब ने सार्थक योगदान दिया है। आदरपूर्वक अभिनंदन करने के लिए खड़ा हुआ हूं।

बिल पास होने पर पीएम मोदी ने बधाई देते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि लोकसभा में संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 के इस तरह के अभूतपूर्व समर्थन के साथ पारित होने पर खुशी हुई। इससे महिला सशक्तिकरण होगा और राजनीतिक प्रक्रिया में उनकी और भी अधिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। इसे जिस प्रकार से सभी राजनीतिक दलों का ऐतिहासिक समर्थन मिला है, वह विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि में मील का पत्थर साबित होगा। मैं सभी सांसदों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।