मुनि श्री तरुण सागर जी महाराज का स्वास्थ्य थोडा खराब चल रहा हैं, जिसकी वजह से सभी अनुयायी चिंतित हैं। मुनि श्री तरुण सागर जी महाराज अपने वक्तव्यों और कडवे वचनों के लिए जाने जाते हैं। उनके बोले गए वचनों का उनके अनुयायी अनुसरण करते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही वक्तव्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जो मुनि श्री तरुण सागर जी महाराज ने कहे हैं। तो आइये जानते हैं इन वक्तव्यों के बारे में।
* नेता व महिलाओं में एक समानता है प्रसव की। महिला के लिए नौ माह व नेताओं के लिए पांच साल का प्रसव वर्ष होता है। कोई गर्भवती महिला आठ माह अपने परिवार का ख्याल रखती है और नौवें महीने परिवार महिला का ख्याल रखता है। नेता ठीक इसके विपरीत होते हैं। जनता चार साल तक नेताओं का ख्याल रखती है और नेता चुनाव आते समय एक साल जनता का ख्याल रखता है। महिला जिसे जनती है, उसे अपने गोद में बिठाती है। इसके विपरीत नेता कुर्सी में बैठकर बड़ा बनता है।
* मुझे तुम्हारे जीवन के पांच खोट चाहिए। ऐसी बुरी आदत मुझे दे दीजिए, जिससे पत्नी को शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। बच्चों को स्कूल में दूसरों के सामने नीचे देखना पड़ता है। आप पांच खोट मुझे दे देंगे, तो मेरा और आपका कथा में साथ बैठना सार्थक हो जाएगा। मैं आपकी गलत धारणाओं पर बुलडोजर चलाऊंगा। आज का आदमी बच्चों को कम, गलत धारणाओं को ज्यादा पालता है। इसलिए वह खुश नहीं है। इसलिए मुझे आपके नोट नहीं, आपके खोट चाहिए।
* इस मतलबी दुनिया को ध्यान से नहीं, धन से मतलब है। भजन से नहीं, भोजन से व सत्संग से नहीं, राग-रंग से मतलब है। सभी पूछते हैं कि घर, परिवार व व्यापार कितना है। कोई नहीं पूछता कि भगवान से कितना प्यार है।
* जीवन में अपने संकल्प, साधना व लक्ष्य से कभी भी मत गिरो। गिरना ही है, तो प्रभु के चरणों में गिरो। जहां उठाने वाला हो, वहां गिरना चाहिए। जो स्वयं गिरे हुए हो, वहां गिरना अंधों की बस्ती में ऐनक बेचने के समान है। उठने के लिए गिरना आवश्यक है। उसी तरह सोने के लिए बिछौना व पाने के लिए खोना जरूरी है।