नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने रविवार को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की नए आपराधिक कानूनों पर टिप्पणी की आलोचना करने के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर निशाना साधा और कहा कि यह विपक्ष नहीं है जो रोजाना संसदीय प्रक्रियाओं का अपमान करता है।
सिब्बल की यह टिप्पणी धनखड़ द्वारा चिदंबरम पर उनकी टिप्पणी को लेकर निशाना साधने के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि तीन नए आपराधिक कानूनों को अंशकालिक लोगों द्वारा तैयार किया गया है, इसे अक्षम्य करार दिया और उनसे अपनी अपमानजनक, बदनाम और अपमानजनक टिप्पणी वापस लेने का आग्रह किया।
धनखड़ ने कहा था कि जब उन्होंने एक प्रमुख राष्ट्रीय दैनिक को दिए गए चिदंबरम के साक्षात्कार को पढ़ा तो वे शब्दों से परे स्तब्ध हो गए, जिसमें उन्होंने कहा था कि नए कानूनों का मसौदा अंशकालिक लोगों द्वारा तैयार किया गया था।
सिब्बल ने रविवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, धनखड़: चिदंबरम के इस बयान की आलोचना की कि अंशकालिक लोगों ने तीन आपराधिक कानूनों का मसौदा तैयार किया, यह 'संसद की बुद्धि का अक्षम्य अपमान' है। हम सभी अंशकालिक हैं धनखड़ जी!
विपक्ष की एक प्रमुख आवाज़ और एक स्वतंत्र राज्यसभा सांसद सिब्बल ने कहा, और कौन दैनिक आधार पर संसदीय प्रक्रियाओं का अपमान करता है? हम नहीं!
शनिवार को तिरुवनंतपुरम में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धनखड़ ने चिदंबरम की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा था, क्या हम संसद में अंशकालिक हैं? यह संसद की बुद्धिमत्ता का अक्षम्य अपमान है।
मेरे पास इतने मजबूत शब्द नहीं हैं कि मैं इस तरह की कहानी को फैलाने और एक सांसद को अंशकालिक करार देने की निंदा कर सकूं।
उपराष्ट्रपति ने कहा था, मैं इस मंच से उनसे (चिदंबरम से) अपील करता हूं कि कृपया संसद सदस्यों के बारे में ये अपमानजनक, बदनाम करने वाली और बेहद अपमानजनक टिप्पणियां वापस लें। मुझे उम्मीद है कि वह ऐसा करेंगे।