पश्चिम बंगाल में रविवार को रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा और गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए पुलिस सुरक्षा को कड़ा कर दिया गया है। राज्य में शांति बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। मौजूदा राजनीतिक हालात के मद्देनजर पुलिस हाई अलर्ट पर है और पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। रामनवमी जुलूस की निगरानी के लिए आला पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तैनात रहेंगे। राज्य सचिवालय नबान्न खुले रहेंगे। पश्चिम बंगाल पुलिस ने 10 संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी के लिए 29 वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया है, जिनमें हावड़ा, बैरकपुर, चंदननगर, मालदा, इस्लामपुर, आसनसोल-दुर्गापुर, सिलीगुड़ी, हावड़ा ग्रामीण, मुर्शिदाबाद और कूचबिहार शामिल हैं। हावड़ा को खास प्राथमिकता दी गई है, जहां पहले भी हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं, और वहां कानून-व्यवस्था की निगरानी के लिए 6 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। पुलिस प्रशासन ने रामनवमी का त्योहार शांति से मनाने के लिए पूरे राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। शांति की स्थिति बनाए रखने के लिए नबान्न को रविवार को भी खोला जाएगा। पुलिस नियंत्रण कक्ष खुला रहेगा, जहां एडीजी कानून-व्यवस्था जावेद शमीम व्यक्तिगत रूप से निगरानी रखेंगे। अन्य शीर्ष पुलिस अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। राज्यभर में इस दिन लगभग 250 जुलूस निकाले जाने की उम्मीद है।
पुलिस ने रामनवमी जुलूस के लिए कड़े कदम उठाएरामनवमी के जुलूसों के दौरान राज्य में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने पहले ही सख्त कदम उठाए हैं। जुलूसों के लिए केवल कुछ विशिष्ट मार्गों पर ही अनुमति दी जाएगी, और लालबाजार पुलिस उन मार्गों पर किसी भी अशांति से बचने के लिए कड़ी निगरानी रखेगी। इसके साथ ही राज्य के दस जिलों और पुलिस कमिश्नरेट को ‘संवेदनशील’ घोषित किया गया है, जिनमें आसनसोल, हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना सहित अन्य जिले और कमिश्नरेट शामिल हैं। इन संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी के लिए 29 आईपीएस अधिकारियों को तैनात किया जाएगा। पुलिस की प्राथमिकता यह होगी कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी तुरंत रोकी जाए और स्थिति को नियंत्रण में रखा जाए।
मुख्य सचिव की पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकमुख्य सचिव मनोज पंत ने शनिवार को नबान्न में राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि रामनवमी के दिन अवकाश नहीं रहेगा और नबान्न खुला रहेगा। राज्य पुलिस के एडीजी, कानून एवं व्यवस्था जावेद शमीम नियंत्रण कक्ष में मौजूद रहेंगे और पूरे राज्य की स्थिति पर निगरानी रखेंगे। जुलूस के दौरान पुलिस अधिकारियों को अपनी ड्यूटी पर रहना होगा, और प्रत्येक अधिकारी को विशिष्ट जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। 9 तारीख तक सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।
कोलकाता में सुरक्षा कड़ीवरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कोलकाता में भी शांति बनाए रखने के लिए लगभग 6,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है और पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। पुलिस ने यह सुनिश्चित किया है कि नागरिकों की सुरक्षा में कोई कमी न हो और अशांति फैलाने की किसी भी कोशिश को तुरंत नाकाम कर दिया जाएगा। सभी डिप्टी कमिश्नरों (डीसीपी) को निर्देश दिया गया है कि वे अपने बलों को पूरी तरह तैयार रखें और सुरक्षात्मक गियर से लैस करें।
ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी सुरक्षाकोलकाता में इस बार रामनवमी के दौरान 800 से 1,200 लोगों की संख्या वाले 5-6 बड़े जुलूसों की उम्मीद है, जिनमें डिप्टी कमिश्नर रैंक के अधिकारी और उनकी टीमें सुरक्षा में मदद करेंगी। जुलूसों के दौरान सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा, और छोटे जुलूसों में पुलिस एस्कॉर्ट्स बॉडी कैमरों से लैस होंगे। कोलकाता के प्रमुख इलाकों जैसे हेस्टिंग्स, चितपुर, रामलीला मैदान, बॉन्डेल गेट और खिदिरपुर में पुलिस पिकेट्स भी स्थापित किए जाएंगे।
त्वरित कार्रवाई के लिए सुरक्षा उपायत्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए, त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी), भारी रेडियो फ्लाइंग स्क्वॉड (एचआरएफएस) और पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) वैन को सक्रिय कर दिया गया है। अतिरिक्त सादे कपड़ों में अधिकारी ऊंची इमारतों से निगरानी करेंगे। साथ ही, कोलकाता में मालवाहक वाहनों की आवाजाही 6 अप्रैल को दोपहर 12 बजे से सुबह 12 बजे तक प्रतिबंधित रहेगी, लेकिन आवश्यक वस्तुओं जैसे दूध, सब्जियां और ईंधन को छूट दी जाएगी। पुलिस ने प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, और जुलूसों की तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड किए जाएंगे ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे। ड्रोन से हवाई निगरानी भी की जाएगी, और संवेदनशील क्षेत्रों में लाउडस्पीकर के जरिए नियमित गश्त और जन जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।