मुस्लिम शख्स ने कायम की भाईचारे की अनोखी मिसाल, किडनी देकर बचाई हिन्दू दोस्त की जान

पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले में भाईचारे की अनोखी मिसाल पेश की है। यहां, एक मुस्लिम शख्स ने अपने एक हिंदू दोस्त की जान बचाने के लिए अपनी एक किडनी दान करने का फैसला किया है। न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, हसलू मोहम्मद और अचिंत्य बिस्वास 6 साल पहले दोस्त बने थे, जब वे एक छोटी-सी वित्त कंपनी के एजेंट के रूप में काम करते थे। दो साल पहले, हसलू ने नौकरी छोड़ दी और अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। वक्त के साथ दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। जब हसलू का पता चला कि उसका जिगरी दोस्त परेशानी में है, तो वह उसकी मदद करने के लिए आगे आया। हसलू का कहना है, 'जब मैंने सुना कि अचिंत्य को तत्काल प्रत्यारोपण की आवश्यकता है, तो मैंने अपनी एक किडनी दान करने का फैसला किया। ऐसा करने से मैं नहीं मरूंगा लेकिन अचिंत्य को एक नया जीवन मिलेगा।'

धार्मिक सम्मान के बारे में पूछे जाने पर हसलू ने कहा कि मानव जीवन सबसे कीमती है। उसने सबसे बड़ी बात कही, 'हमारा धर्म अलग हो सकता है लेकिन हमारा ब्लड ग्रुप एक ही है।' वहीं हसलू की पत्नी मनोरा ने कहा कि उनके पति ने वही किया जो एक इंसान को करना चाहिए। दोनों के 5 और 7 साल के दो बेटे हैं।

28 वर्षीय अचिंत्य को डायलिसिस के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनका 8 साल का एक बेटा है। अचिंत्य का कहना है, 'हसलू ने सिर्फ मेरी जान बचाने के लिए इतना बड़ा बलिदान देने का फैसला किया। मैं और मेरा परिवार उनका सदैव आभारी रहेगा। अगर वह आगे नहीं आते तो मेरी मौत के बाद मेरा परिवार बर्बाद हो जाता।'