कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने आज (17 अगस्त) देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच करीब 43 डॉक्टरों के तबादले का आदेश दिया है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले के कारण विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से तबादलों के बारे में 15 अगस्त (गुरुवार) को जारी सरकारी अधिसूचना के सामने आने के बाद, चिकित्सा बिरादरी और विपक्षी दलों ने दावा किया कि एक साथ कई डॉक्टरों का तबादला राज्य सरकार के प्रतिशोधात्मक रवैये को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि इन 43 डॉक्टरों को मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों के नेतृत्व में आंदोलन में शामिल होने के लिए दंडित किया गया है। यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन (यूडीएफए) ने भी तबादले की कड़ी निंदा की और दावा किया कि यह मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों के विरोध का समर्थन करने वाले डॉक्टरों का अन्यायपूर्ण तबादला है।
यूडीएफए ने कहा, ये दंडात्मक उपाय न्याय और सुरक्षा की हमारी मांगों को दबा नहीं पाएंगे। हम अपनी लड़ाई में एकजुट और दृढ़ हैं।
डॉक्टरों के विरोध के बीच 40 से अधिक डॉक्टरों के तबादले पर शहजाद पूनावाला भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि डॉक्टर बलात्कार और हत्या की घटना में न्याय के लिए आवाज उठाने के बाद तृणमूल सरकार ने 43 डॉक्टरों का तबादला कर दिया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस सोशल मीडिया पर घटना के खिलाफ बोलने पर लोगों को धमका रही है।
पूनावाला ने एक्स पर लिखा, पूरे देश में हर कोई आक्रोशित है और एक ही बात की मांग कर रहा है कि पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए। हालांकि, न्याय के बजाय तृणमूल सरकार का एजेंडा बलात्कारी को बचाना है। वे बेटी को बचाने के लिए कुछ नहीं करते। तृणमूल का मतलब तृणमूल कांग्रेस नहीं है, यह 'तालिबान मुझे चाहिए' है।