दिल्ली हिंसा पर कविता लिखकर ममता ने बयां किया दर्द, कहा - 'कितने प्राण बिसर गए, फिर कभी न लौटेंगे अब...'

दिल्ली में फैली हिंसा की वजह से 30 लोगों ने अपनी जान गवा दी है और तकरीबन 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए है। इसमें 56 पुलिसकर्मी भी शामिल है। इस घटना के बाद आईबी के एक कर्मचारी का शव नाले से बरामद किया गया। इस हिंसा ने दिल्ली के कई घरों को बरबाद कर दिया, जान-माल का नुकसान हुआ। इस घटना के बाद देश भर दुख और चिंता का माहौल है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बुधवार को दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा करते हुए एक बहुत ही भावुक कर देने वाली कविता लिखी। इस कविता के माध्यम से उन्होंने तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं का जवाब मांगा है। ममता बनर्जी ने 21 लाइन की कविता लिखी, जिसका शीर्षक 'नरक' है। ये कविता कई सवाल खड़े कर रही है। ममता की यह कविता अंग्रेजी, हिन्दी और बांग्ला भाषा में है। इस कविता में हुई हिंसा का उल्लेख किया है, जिसे लिखने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया है।

सीएए (CAA) को लेकर चल रहे प्रदर्शन में दिल्ली में पिछले 3 दिनों से हिंसा का रूप ले लिया है। इस हिंसा पर कांग्रेस नेताओं ने भी बुधवार को कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक के बाद हिंसा प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली में हालात सामान्य करने और शांति की मांग के लिए राष्ट्रपति भवन तक 'शांति मार्च' निकाला। कांग्रेस नेता राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को एक ज्ञापन भी सौंपेने की बात कही।

बता दे, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने बुधवार को हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, हिंसा मामले में अब तक 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 18 एफआईआर दर्ज की गई है।