सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया कि मोबाइल नंबर के लिए अब आधार e-KYC जरूरी नहीं है। इसके बाद हम सबके दिमाग में एक ही सवाल उठता है कि जिन लोगों ने आधार से अपना मोबाइल लिंक कर लिया है वह उसकों कैसे डीलिंक करे। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने भी टेलीकॉम कंपनियों से अगले 15 दिनों में e-KYC के लिए आधार की जरूरत खत्म करने को लेकर प्लान देने को कहा है, लेकिन अगर आप अपने मोबाइल नंबर से आधार को डीलिंक करवाना चाहते हैं तो हो सकता है इसके लिए आपको दोबारा KYC करवाना पड़े और आपको अपना कोई और पहचान पत्र टेलिकॉम कंपनियों को देना पड़े।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति मोबाइल नंबर से आधार को डीलिंक करवाना चाहता है तो उसके लिए उसे अन्य डॉक्यूमेंट जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, बैंक पासबुक या फिर बिजली बिल देना होगा।
दरअसल, UIDAI ने कई टेलिकॉम कंपनियों को एक सर्कुलर जारी कर पूछा है कि अब मोबाइल सिमकार्ड के वेरिफिकेशन के लिए होने वाले आधार कार्ड नंबर के इस्तेमाल को कैसे रोका जाएगा। इस पर कंपनियों को 15 दिन के भीतर जवाब देना है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद UIDAI ने टेलिकॉम कंपनियों को साफ कर दिया है कि वे अब नई सिम खरीद रहे लोगों या फिर पहले से चल रही सिम को वेरिफाई करने के लिए आधार नंबर नहीं मांग सकते हैं। UIDAI ने सभी ऑपरेटर्स को कहा गया है कि वह अपने कस्टमर्स को आधार डीलिंक करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दें।
UIDAI ने यह कदम आधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में सुनाए गए फैसले के बाद उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बैंक अकाउंट, मोबाइल सिम, प्राइवेट सेक्टर, स्कूल एडमिशन, नीट, सीबीएसई, यूजीसी आदि में आधार की जरूरी नहीं है। वहीं इनकम टैक्स रिटर्न, सरकारी स्कीमों के तहत सब्सिडी लेने के लिए आधार की जरूरत होगी।