खुद राष्ट्रपति पुतिन ने बताई वैक्सीन लेने वाली अपनी बेटी की हालत!

कोरोना की वैक्सीन का इंतजार सभी कर रहे हैं ताकि इस कोरोना के कहर को रोका जा सकें। लगातार बढ़ता कोरोना का कहर चिंता बढ़ाने वाला हैं। ऐसे में 11 अगस्त को रूस द्वारा 'स्पूतनिक-वी' नाम की कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल सबसे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी को दिया गया था। इस बात को लगभग 19 दिन बीत चुके हैं। इस वैक्सीन को लेकर कई बातें सामने आई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि अब उनकी बेटी कैसी हैं। ऐसे में अब खुद राष्ट्रपति पुतिन द्वारा एक चैनल रोसिया 1 को दिए गए एक इंटरव्यू में इन सारी बातों का खुलासा किया है।

व्लादिमीर पुतिन ने बताया कि उनकी बेटी ने बिना उनसे परामर्श किए ही वैक्सीन की डोज ले ली थी। उन्होंने कहा कि जैसा पहले बताया गया गया था कि रूस के वैज्ञानिकों ने ऐसी वैक्सीन बनाई है, जिससे कोरोना के खिलाफ लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, उनके शरीर में एंटीबॉडी बनेंगे और उनकी बेटी के साथ भी ऐसा ही हुआ। पुतिन ने बताया कि फिलहाल उनकी बेटी स्वस्थ और सुरक्षित महसूस कर रही हैं।

राष्ट्रपति पुतिन ने बताया कि वैक्सीन की डोज लेने के बाद पहले दिन उनकी बेटी के शरीर का तापमान 38.4 डिग्री था, जो दूसरे दिन घटकर 37 डिग्री पर आ गया। इसके 21 दिन बाद उन्हें फिर से वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई है। अब वह पूरी तरह से ठीक हैं।

हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि राष्ट्रपति पुतिन की कौन सी बेटी ने वैक्सीन ली है, क्योंकि उनकी दो बेटियां हैं, जिनका नाम मारिया पुतिना और येकातेरीना पुतिना बताया जाता है। वैसे पुतिन ने कभी भी सार्वजनिक तौर पर तो अपनी बेटियों के बारे में कुछ नहीं बताया है, लेकिन कहा जाता है कि येकातेरीना पुतिना उनकी छोटी बेटी हैं।

आपको बता दें कि मॉस्को की गमलेया इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित 'स्पूतनिक-वी' वैक्सीन का फिलहाल तीसरे यानी अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दूसरे चरण के ट्रायल में यह वैक्सीन सुरक्षित और कारगर पाई गई है। सही अंतराल पर उपयुक्त मात्रा में वैक्सीन की डोज देने पर लोगों के शरीर में कोरोना के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई है।

रूस का दावा है कि वह सितंबर में टीकाकरण अभियान शुरू करेगा। इस बीच रूस ने एक दूसरी वैक्सीन भी तैयार कर लेने का दावा किया है। इसका नाम 'एपीवैककोरोना' (EpiVacCorona) रखा गया है। इसे रूस की वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी ने विकसित किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस नए वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल सितंबर में पूरा हो जाएगा जबकि अक्तूबर तक इसे रजिस्टर कर लिया जाएगा। वहीं, नवंबर से इस वैक्सीन का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा।