
पश्चिम बंगाल में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। मुर्शिदाबाद के बाद अब दक्षिण 24 परगना जिले में भी हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव के दौरान आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए। उपद्रवियों ने एक पुलिस वैन और कई मोटरसाइकिलों को नुकसान पहुंचाया। ताजा घटनाक्रम में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, यह हिंसा उस समय हुई जब इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के कार्यकर्ता कोलकाता में प्रस्तावित विरोध रैली में शामिल होने के लिए रवाना हो रहे थे। यह रैली भांगर के विधायक और पार्टी नेता नौशाद सिद्दीकी के नेतृत्व में आयोजित की जा रही थी। जैसे ही कार्यकर्ता बसंती हाईवे के पास भोजेरहाट क्षेत्र में पहुंचे, पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
बताया जा रहा है कि कार्यकर्ता भांगर, मिनाखान और संदेशखाली जैसे आस-पास के इलाकों से रैली में भाग लेने पहुंचे थे। पुलिस द्वारा रोके जाने पर स्थिति बिगड़ गई और झड़प शुरू हो गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें एक आईएसएफ कार्यकर्ता को सिर में चोट लगी।
घटना के बाद इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है और आसपास के क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। पुलिस ने बताया कि हिंसा के संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।
कोलकाता में रैली को संबोधित करते हुए विधायक नौशाद सिद्दीकी ने कहा, वक्फ संशोधन अधिनियम न केवल मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला है, बल्कि यह संविधान के मूल स्वरूप के खिलाफ है। इस कानून को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस के नेता और विधायक शोकत मोल्ला ने आईएसएफ पर निशाना साधते हुए कहा, यह एक अवसरवादी पार्टी है, जिसका कोई जनाधार नहीं है। ये लोग केवल माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।