नागरिकता कानून (CAA) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) पर देशभर में बवाल मचा हुआ है। वही इन सबके के बीच रविवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सीएए और एनपीआर जैसे मुद्दों पर विचारपूर्ण और सकारात्मक बहस जरूरी है। मगर प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'सीएए हो या फिर एनपीआर, देशवासियों को इन पर संवैधानिक संस्थाओं, सभाओं और मीडिया में विचारपूर्ण, सार्थक तथा सकारात्मक चर्चा में हिस्सा लेना चाहिए। मसलन यह कब आया, क्यों आया, इसका क्या प्रभाव होगा और क्या इसमें किसी बदलाव की जरूरत है?' उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने जो संकेत दिए हैं, उससे लग रहा है कि सीएए में बदलाव किया जा सकता है।
नायडू ने कहा कि चर्चा से ही हमारा तंत्र मजबूत होगा और लोगों में जानकारी बढ़ेगी। संयुक्त आंध्र प्रदेश के दिवंगत सीएम एम चन्ना रेड्डी के जयंती कार्यक्रमों का उद्घाटन करते हुए नायडू ने कहा कि केंद्र को भी लोगों की आशंकाओं को दूर करना चाहिए।
उप राष्ट्रपति नायडू ने कहा कि लोकतंत्र में सहमति, असहमति आधारभूत सिद्धांत है। कोई चीज हमें पसंद हो या नहीं, लेकिन दोनों पक्षों को सुना जाना चाहिए। बाद में उसी हिसाब से कार्रवाई होनी चाहिए।
महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि गांधी जी ने मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों में भी हिंसा के किसी भी प्रकार से परहेज किया था। उन्होंने संसद और विधानसभाओं की गरिमा बनाए रखने व चर्चा का स्तर बढ़ाने पर भी जोर दिया। साथ ही निजी हमले से बचने की भी सलाह दी।