IRDAI ने जारी किया आदेश, अब बिना प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के नहीं होगा गाड़ी का बीमा

अगर आपने अपनी गाड़ी का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र हासिल नहीं किया है तो आप मुशीबत में पड़ने वालें है क्योकि उत्सर्जन नियमों का पालन न करने वालों पर सख्ती बरतते हुए बीमा विनियम और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) सख्ती करते हुए कहा है कि वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसी) न होने पर वाहन का बीमा नहीं किया जाएगा।

आईआरडीएआई ने जारी अधिसूचना में सभी सामान्य इंश्योरेंस कंपनियों को आदेश दिया है कि वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र न होने की स्थिति में वाहन का बीमा न करें। वाहन इंश्योरेंस को हर वर्ष नवीकृत किया जाता है। इंश्योरेंस नियामक आईआरडीएआई ने यह कदम इस विषय पर ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए उठाया है।

बीमा कराना जरूरी

इरडा ने कहा है कि सभी बीमा कंपनियों को वाहनों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करना जरूरी है। इसके साथ ही बीमा कंपनियों को अपने सभी कार्यालयों और वेबसाइट पर नए रेट को डिस्पले भी करना होगा। इसके साथ ही बीमा कंपनियों को अभी चल रहे बीमा को निरस्त करके नए रेट के आधार पर बीमा करने पर भी रोक लगा दी है।

इरडा ने साफ कहा है कि अगर कोई भी एजेंट या कंपनी ऐसा करते हुए पाई जाती है, तो फिर ऐसे व्यक्ति या फिर कंपनी के खिलाफ कार्रवाही की जाएगी।

सरकार ने दिया इंश्योरेंस कंपनियों को आदेश

सड़क परिवहन मंत्रालय ने सभी इंश्योरेंस कंपनियों को आदेश दिया है कि वो हर उस गाड़ी की डिटेल को शेयर करें जिसका इंश्योरेंस (साधारण व थर्ड पार्टी) उन्होंने किया है। इससे सरकार ऐसे वाहन मालिकों को आसानी से पकड़ सकेंगी, जिन्होंने अपनी गाड़ी का इंश्योरेंस नहीं कराया है।

इंश्योरेंस इंफोर्मेशन ब्यूरो के मुताबिक अभी देश भर में केवल 6.5 करोड़ गाड़ियों का इंश्योरेंस हुआ है, जबकि 21 करोड़ गाड़ियां रजिस्टर्ड है।

सरकार लेकर आ रही है वेबसाइट

सड़क मंत्रालय एक वेबसाइट लॉन्च करने जा रही है, जिस पर हर उस गाड़ी और टू-व्हीलर की जानकारी होगी, जो बिना इंश्योरेंस के देश भर में चल रही हैं। इस वेबसाइट की मदद से देश के हर राज्य का ट्रांसपोर्ट विभाग और ट्रैफिक पुलिस ऐसे लोगों पर सख्ती कर सकेगी, जो अपनी गाड़ियों का बिना रजिस्ट्रेशन कराये ही सड़कों पर दौड़ाते हैं।

55 फीसदी गाड़ियों का नहीं है इन्श्योरेंस

अभी देश भर में करीब 55 फीसदी गाड़ियां ऐसी हैं, जिनका इनका इंश्योरेंस नहीं है। इसके अलावा कई गाड़ियां कबाड़ या फिर लंबे समय से खड़ी हैं, जिनका इस्तेमाल कोई नहीं करता है। केवल 40-50 फीसदी टू-व्हीलर मालिकों ने इंश्योरेंस करा रखा है।

ये है कानून
अगर किसी वाहन स्वामी ने अपनी गाड़ी का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं कराया है तो फिर उस पर या तो एक हजार रुपये का जुर्माना अथवा तीन महीने की सजा का प्रावधान है। सरकार का मानना है कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस न होने से किसी दुर्घटना में घायल अथवा मृत व्यक्ति को पूरा मुआवजा नहीं मिलता है।