उत्तर प्रदेश : थाने में हुई मारपीट के चलते 27 लोगों की गिरफ्तारी, पुलिस की कारवाई के डर से गांव हुआ खाली

पुलिस थाने में मामलों का सुलटारा करने और विवाद को शांत करने के लिए दोनों पक्षों को अक्सर समझाया जाता हैं और चेतावनी दी जाती हैं। ऐसा ही कुछ वाराणसी के कपसेठी थाने में किया जा रहा था जब बेलवां गांव के प्रधान प्रतिनिधि संतोष गुप्ता और व्यवसायी रजनीश कश्यप उर्फ गुड्डू के बीच झगडा हुआ। मामले का पता चलते ही पुलिस द्वारा दोनों पक्षों के लोगों को कपसेठी थाने लाया गया। लेकिन इस बीच दोनों पक्षों के सैकड़ों लोग थाने पहुंच गए और थाना परिसर में ही दोनों पक्षों के लोग उलझ गए। आखिरकार पुलिस को लाठी का इस्तेमाल करना पड़ा और सभी भाग निकले।

वाराणसी के कपसेठी थाने में मारपीट और हंगामे के मामले में 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मंगलवार को सभी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। प्रकरण को लेकर थानाध्यक्ष की तहरीर के आधार पर कपसेठी थाने में दोनों पक्ष के 27 नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एहतियातन बेलवां गांव में पुलिस तैनात की गई है।

कपसेठी थाना प्रभारी राजू दिवाकर ने बताया कि संतोष गुप्ता, अमन गुप्ता, संजय गुप्ता, संतोष चौहान, सोनू चौहान, नीरज गौड़, सोमारू चौहान, धनंजय, रजनीश कश्यप उर्फ गुड्डू सहित 27 लोगों को गिरफ्तार कर अदालत के पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। बेलवां गांव में पुलिस तैनात कर निगरानी की जा रही है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।

बेलवां गांव के लोगों ने बताया कि रजनीश कश्यप उर्फ गुड्डू और संतोष गुप्ता के बीच लंबे समय से रंजिश चल रही है। सोमवार की देर शाम रजनीश सामान खरीदने कपसेठी बाजार गया था। बाजार में बेलवां के ग्राम प्रधान के बेटे अमन से रजनीश की कहासुनी हुई। इस पर अमन ने अपने दोस्तों के साथ रजनीश की पिटाई कर दी।

रजनीश कपसेठी थाने जाकर कार्रवाई की मांग किया तो थानाध्यक्ष ने ग्राम प्रधान पति को बुला लिया और समझौता कराने लगे। इसी बीच दोनों पक्ष के समर्थकों की भीड़ थाने में जुट गई और फिर वहीं जमकर मारपीट हुई। लोगों का कहना था कि कपसेठी थानाध्यक्ष ने सूझबूझ के साथ काम किया होता तो ऐसी नौबत नहीं आती।

कपसेठी थाने में मारपीट और हंगामे की घटना के बाद पुलिस आरोपियों की तलाश में बेलवां गांव में लगातार छापा मार रही है। पुलिस की कार्रवाई के डर से गांव के ज्यादातर पुरुष घर छोड़ कर भाग गए हैं। मंगलवार को गांव में सिर्फ महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग दिखे। इस बीच गांव में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा। पुलिस के वाहनों का सायरन बज रहा था।