जोधपुर सर्किट हाउस में देखने को मिली सियासी दूरियां, नहीं की वैभव गहलोत ने मंत्री हेमाराम से मुलाकात

राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच की सियासी दूरियों के बारे में तो सभी जानते है और इनके समर्थकों के बीच भी यह बात देखने को मिलती है। इसका एक नजारा देखने को मिला बीते दिन जोधपुर सर्किट हाउस में जहां सीएम गहलोत के बेटे व आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत और पायलट गुट के मंत्री हेमाराम सर्किट हाउस में एक ही समय पर मौजूद थे लेकिन दोनों के बीच ना तो कोई मुलाकात हुई और ना ही उनके बीच कोई बात हुई। यही नहीं, गहलोत गुट के कई स्थानीय नेता वैभव से तो मिलने पहुंचे, लेकिन इसी समय वहां मौजूद मंत्री हेमाराम से शिष्टाचार भेंट तक करने नहीं गए। हेमाराम मंत्री बनने के बाद पहली बार जोधपुर आए थे। सर्किट हाउस में आसपास के गांव के कई कार्यकर्ता चौधरी से मिलने पहुंचे और उनका स्वागत भी किया। मंत्री से मिलने शहर के कई लोग भी आए।

मंत्रिमंडल के विस्तार के समय सचिन पायलट ने गुटबाजी को लेकर बयान दिया था कि कांग्रेस में सभी एक हैं, किसी का कोई गुट नहीं है। जोधपुर के सर्किट हाउस में तस्वीर उलट ही नजर आई। सर्किट हाउस में वन व पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी और वैभव गहलोत के बीच केवल दो रूम का फासला था। दो दिन से जोधपुर दौरे पर आए वैभव दिन भर विभिन्न कार्यक्रमों में व्यस्त थे, लेकिन वहां से लौटने से पहले वे सर्किट हाउस पहुंचे। वे हेमाराम के रूम के आगे से दो बार निकले। उन्होंने उस ओर देखा तक नहीं। वे मंत्री को अनदेखा कर वहां से रवाना हो गए।

सर्किट हाउस में मंत्री को न केवल वैभव गहलोत ने इग्नोर किया, बल्कि राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल व विधायक मनीषा पंवार ने भी उनसे मुलाकात करना मुनासिब नहीं समझा। दोनों वैभव गहलोत के साथ मौजूद थे। चर्चा इस बात की भी है कि कम से कम मंत्री होने के नाते वैभव को उनसे शिष्टाचार मुलाकात तो करनी ही चाहिए थी। माना जा रहा है कि वैभव के रहते गहलोत गुट का कोई भी नेता हेमाराम से मुलाकात कर कोई विपरीत मैसेज नहीं देना चाहता था।