उत्तराखंड: टनल से मलबा हटा रही है रेस्‍क्‍यू टीम; अब तक 14 शव मिले, हादसे में 150 मौतों की आशंका

उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्‍लेशियर फटने से भारी तबाही के कारण अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 150 से ज्‍यादा लोग अभी भी लापता हैं। चमोली के आपदा प्रभावित इलाकों में सेना, आइटीबीपी, एसएसबी और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। चमोली पुलिस के अनुसार, टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है। इस हादसे में 150 लोगों की मौत की आशंका है।

तपोवन में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और NTPC प्रोजेक्ट साइट को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। अब तक अलग-अलग जगहों से 14 शव बरामद किए गए हैं। NTPC प्रोजेक्ट साइट से पर दो टनल हैं। पहली टनल में फंसे 16 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। दूसरी टनल में 30 वर्कर्स फंसे थे। 900 मीटर लंबी इस टनल में रविवार रात पानी बढ़ जाने से रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था। NDRF की टीम ने सोमवार सुबह जलस्तर घटने के बाद ऑपरेशन फिर शुरू कर दिया है।

तपोवन में रविवार सुबह 10 बजे ग्लेशियर टूटकर ऋषिगंगा नदी में गिरने के बाद ये हादसा हुआ। इससे बेतहाशा बाढ़ के हालात पैदा हो गए और धौलीगंगा पर बन रहा बांध बह गया। ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और सरकारी कंपनी NTPC के प्रोजेक्ट तबाह हो गए। ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में 15 से 20 वर्कर्स लापता हैं। यहां से 5 किलोमीटर दूर NTPC के प्रोजेक्ट पर हादसे के वक्त 176 मजदूर ड्यूटी पर थे। इनमें से 150 लापता हैं।

आईटीबीपी के प्रवक्‍ता विवेक पांडे ने रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि, हमारी टीम ने दूसरी टनल में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। हमें जानकारी है कि लगभग 30 लोग वहां फंसे हुए हैं। टनल को साफ करने के लिए लगभग 300 आईटीबीपी के जवान लगाए गए हैं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि लगभग 170 लोग लापता हैं।