गंगा एक्सप्रेस-वे को लेकर बोले सपा प्रमुख अखिलेश - यह तो मायावती जी का काम था, भाजपा अब फीता काट रही

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की आधारशिला रखेंगे। उत्तर प्रदेश के मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाला गंगा एक्सप्रेस-वे UP का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। गंगा एक्सप्रेसवे को इस तरह से बनाया जा रहा है कि भविष्य में इसको आठ लेन में परिवर्तित किया जा सके। मेरठ के खरखौदा में NH-334 के किनारे बसे बिजौली गांव से शुरू होकर गंगा एक्सप्रेसवे प्रयागराज के सोरांव में NH-19 पर बसे जूड़ापुर दांदू पर समाप्त होगा। इस एक्सप्रेसवे पर शाहजहांपुर में 3.5 किलोमीटर लंबी एयर स्ट्रिप भी बनाई जा रही है। भारतीय वायुसेना के विमान आपातकाल में इस एयरस्ट्रिप से टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकेंगे।

पीएम मोदी के आधारशिला रखने से पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा से गंगा एक्सप्रेसवे का क्रेडिट छीनने वाला बयान दिया है। लेकिन इस बार खुद क्रेडिट लेने की बजाय बसपा प्रमुख मायावती को दिया है। सपा प्रमुख शुक्रवार को अपनी विजय रथ यात्रा लेकर रायबरेली पहुंचे थे। यहां जब पत्रकारों ने मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेसवे के बारे में सवाल किया तो अखिलेश यादव ने कहा, भारतीय जनता पार्टी को दूसरी सरकारों के काम के उद्घाटन और शिलान्यास का शौक है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तो हमारा काम था, इसी तरह काशी विश्वनाथ धाम के नव्य रूप का काम हमने शुरू किया था।

गंगा एक्सप्रेसवे का मायावती जी ने देखा का सपना

उन्होंने आगे कहा,' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाहजहांपुर में शनिवार को जिस गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करेंगे, वह तो मायावती जी का प्रोजेक्ट था। एक बार मायावती जी ने सपना देखा था कि मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एकसप्रेसवे बने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी सरकार के प्रोजेक्ट का लोकार्पण व शिलान्यास करते-करते अब बहुजन समाज पार्टी के पुराने कामों को अपना बताना शुरू कर दिया है। बसपा सरकार के कार्यकाल में गंगा एक्सप्रेसवे पर मंथन शुरू हो गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर अब काम शुरू किया है।'

दरअसल, अखिलेश यादव योगी सरकार जिन विकास कार्यों का लोकार्पण या शिलान्यास कर रही थी उसे अपनी सरकार का कामकाज बताते आ रहे थे। इसको लेकर बलरामपुर में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का लोकार्पण करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिलेश यादव की चुटकी भी ली थी। पीएम मोदी ने अखिलेश का नाम​ लिए बिना कहा था, कुछ लोग सिर्फ क्रेडिट लेना जानते हैं। हो सकता है उन्होंने इस प्रोजेक्ट का फीता भी बचपन में ही काट दिया हो। इनकी प्राथमिकता सिर्फ फीता काटना था, हमारी प्राथमिकता प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करना है।

36,200 करोड़ रुपये की लगेगी लागत

मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण अडानी इंटरप्राइजेज और IRB इन्फ्राट्रक्चर डेवलपर्स करेंगे। बिडिंग प्रक्रिया के जरिये चयनित हुईं इन कंपनियों के नाम पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मुहर लग गई है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण की अनुमानित लागत 36,200 करोड़ रुपये है। जिसमें से जमीन अधिग्रहण पर करीब 9500 करोड़ रुपये का खर्च भी शामिल है। गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए आवश्यक 7386 हेक्टेयर भूमि में से 83 हजार किसानों से करीब 94% जमीन खरीदी जा चुकी है। इसके बनने के बाद दिल्ली से प्रयागराज के बीच यात्रा में लगने वाला 10-11 घंटे का समय कम होकर 6-7 घंटे रह जाएगा।

गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली व प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज पहुंचेगा। इस एक्सप्रेसवे के जरिए यूपी वेस्ट और यूपी ईस्ट आपस में जुड़ जाएंगे। गंगा एक्सप्रेसवे को भविष्य में मेरठ से बढ़ाकर हरिद्वार और प्रयागराज से बढ़ाकर वाराणसी तक करने की है।

गंगा एक्सप्रेस-वे को दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार होने का अनुमान है। उस समय तक यह सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे के मामले में देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे में 6ठे नंबर पर होगा, क्योंकि देश में इस समय गंगा एक्सप्रेस-वे से लंबे पांच एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार हो रहे हैं।