आजम खान को सिंचाई विभाग की तरफ से नोटिस, लग्जरी रिसॉर्ट के लिए जमीन हड़पने का आरोप

भूमाफिया घोषित हो चुके रामपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद आज़म खान जमीन हथियाने के 26 नए मामलों के बाद अब सिंचाई विभाग की तरफ से नोटिस भेजा गया है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने उनको रामपुर में लग्जरी रिसॉर्ट हमसफर के लिए सरकारी जमीन कब्जाने को लेकर नोटिस जारी किया है।

सिंचाई विभाग का आरोप है कि आजम खान ने हमसफर रिसॉर्ट की बाउंड्री के अंदर एक बीघे जमीन पर अवैध कब्ज़ा किया है। बता दें सपा शासनकाल में आजम खान ने इस लक्ज़री हमसफर रिसॉर्ट को बनवाया था।

उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के खिलाफ सरकारी और गरीब किसानों की कृषि योग्य भूमि हथियाने के सिलसिले में लगातार मामले दर्ज किए जाने के बाद उनको भूमाफिया घोषित किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी खान के निजी यूनिवर्सिटी के खाते में विदेशों से दान मिलने से संबंधित कथित धनशोधन के आरोपों की जांच कर रहा है। यूनिवर्सिटी के अंदर 13।842 हेक्टेयर शत्रु सम्प्पति का मामला सामने आया है। जिसको लेकर जिला प्रशासन की संस्तुति पर शासन ने एसआईटी को जांच सौंप दी है।

ईडी ने रामपुर पुलिस से आजम खान के खिलाफ दर्ज मामलों की सूची मांगी है। इस बीच प्रदेश पुलिस ने आजम खान के स्टाफ को मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी से संबंधित जमीन के सभी सौदों का ब्योरा देने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। आजम खान जौहर यूनिवर्सिटी के संस्‍थापक और चांसलर हैं। इस यूनिवर्सिटी को लेकर पहले भी एसआईटी की जांच हुई है। वहीं अब एक और मामला सामने आ गया है। बता दें कि हाल ही में यूपी जिलाधिकारी सदर के न्यायालय ने आजम खान के मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर जा रहे सार्वजनिक मार्ग से अनधिकृत कब्जा हटाने के आदेश दिए थे। उप जिलाधिकारी सदर रामपुर प्रेम प्रकाश तिवारी ने क्षतिपूर्ति के रूप में आजम खान पर 3 करोड़ 27 लाख 60 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

उप जिलाधिकारी सदर न्यायलय ने यह भी आदेश दिया कि कब्जा मुक्त होने तक 9 लाख 10 हज़ार रुपये प्रतिमाह की दर से 15 दिन के अंदर वादी लोक निर्माण विभाग में जमा कराए। बता दें जौहर यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति आजम खान हैं और उनके ऊपर किसानों और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप लगा है। इस मामले में एसआईटी जांच भी जारी है।

पुलिस अधीक्षक (रामपुर) अजय पाल शर्मा ने बताया कि पुलिस ने राजस्व रिकॉर्ड, भुगतान रसीद और जिनसे जमीन ली गई है उन पक्षों के साथ जमीन के करार का ब्योरा मांगा है। खरीदी गई जमीन का कई सौ करोड़ रुपये है।

पुलिस अधीक्षक ने कहा, 'हमें बिक्री अभिलेख की जांच करने की जरूरत है और असली विक्रेता से इसका सत्यापन करना है। हम उन खातों की जांच करना चाहते हैं जिनसे भुगतान हुआ है। जिन पक्षों ने भुगतान प्राप्त किया है उनका सत्यापन करना है।'