मेनका गांधी बन सकती हैं लोकसभा की प्रोटेम स्पीकर

लोकसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। पीएम मोदी (PM Modi) के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए 8000 मेहमानों को न्योता दिया गया था। इस बीच खबर है कि भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी (Maneka Gandhi) 17वीं लोकसभा में अस्थायी अध्यक्ष (प्रो-टर्म स्पीकर) बन सकती हैं। सूत्रों ने बताया कि आठ बार की सांसद मेनका को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस बार वह उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से निर्वाचित हुई हैं। मेनका इससे पहले की मोदी सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री थीं। लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष सदन के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाता है। उसी के तहत ही लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव भी होता है।

क्यों नियुक्त किया जाता है प्रोटेम स्पीकर?

प्रोटेम स्पीकर, चुनाव के बाद पहले सत्र में स्थायी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के चुने जाने तक संसद का कामकाज स्पीकर के तौर पर चलाता है यानी संसद का संचालन करता है। यह पद बेहद कम समय के लिए होता है। अभी तक ज्यादातर मामलों में परंपरा रही है कि सदन के वरिष्ठतम सदस्यों में से किसी को यह जिम्मेदारी दी जाती है। प्रोटेम स्पीकर तभी तक अपने पद पर रहते हैं जब तक सदन के स्थायी अध्यक्ष का चयन न हो जाए।

हालांकि केवल चुनावों के बाद ही प्रोटेम स्पीकर की जरूरत नहीं होती, बल्कि हर उस परिस्थिति में प्रोटेम स्पीकर की जरूरत पड़ती है जब संसद में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद एक साथ खाली हो। यह उनकी मृत्यु की स्थिति के अलावा दोनों के साथ इस्तीफा देने की परिस्थितियों में हो सकता है।

आपको बता दें कि इस बार 25 कैबिनेट, 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 24 राज्य मंत्री बनाए गए। 19 नए चेहरों को जगह मिली। उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 8 सांसदों को मंत्री बनाया गया। इससे पहले गुरुवार राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आमंत्रित लगभग आठ हजार खास मेहमानों की मौजूदगी में क्रीम रंग का कुर्ता पायजामा एवं अपनी चिरपरिचित जैकेट पहने मोदी ने शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति के पास जाकर उनसे गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाया और मुस्कुराते हुए उनसे बधाई स्वीकार की। समारोह में उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री, कई देशों के प्रमुख, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विभिन्न गणमान्य लोग उपस्थित थे।

शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने वाले ‘‘बंगाल की खाड़ी बहु क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग उपक्रम’’ (बिमस्टेक) के नेताओं में बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, म्यामांर के राष्ट्रपति यू विन म्यिंट एवं भूटान के प्रधानमंत्री लोताय शेरिंग शामिल हैं। मोदी के बाद राजनाथ सिंह और फिर अमित शाह ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। बेगूसराय में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उम्मीदवार कन्हैया कुमार को हराने वाले तेज तर्रार नेता गिरिराज किशोर का भी दर्जा बढ़ाकर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दायित्व दिया गया है।

पीएम मोदी के साथ राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी के साथ-साथ राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, सदानंद गौड़ा, निर्मला सीतारमण, लोजपा प्रमुख राम विलास पासवान, नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद, हरसिमरत कौर बादल, थावरचंद गहलोत, पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर, उत्तराखंड के पूर्म मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, स्मृति ईरानी, डॉ. हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, मुख्तार अब्बास नकवी, प्रह्लाद जोशी, डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, गिरिराज सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी शपथ ली। इसके अलावा संतोष कुमार गंगवार ने राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ ली। इसके बाद राव इंद्रजीत सिंह, श्रीपद नाईक (राज्य मंत्री), डॉक्टर जितेंद्र सिंह, किरण रिजीजू, प्रह्लाद सिंह पटेल, आरके सिंह, हरदीप सिंह पुरी, मनसुखलाल मंडाविया, फग्गन सिंह कुलस्ते, अश्निनी कुमार चौबे, अर्जुन राम मेघवाल, वीके सिंह, कृष्णपाल गुर्जर, दादा साहेब दानवे, जी किशन रेड्डी, पुरषोत्तम रुपाला, रामदास अठावले ने भी शपथ ली।

नई सरकार में शामिल नहीं हुए पिछली सरकार के ये चेहरे

नई सरकार में पिछली सरकार के जिन प्रमुख चेहरों को शामिल नहीं किया गया है उनमें सुरेश प्रभु, मेनका गांधी, जे पी नड्डा, राधामोहन सिंह, राज्यवर्द्धन राठौड़, जुएल ओराम, उमा भारती, अनंत गीते, महेश शर्मा और के जे अल्फोंस शामिल हैं। मोदी 543 सदस्यीय लोकसभा में कुल 80 मंत्री रख सकते हैं। संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री सहित केन्द्रीय मंत्रियों की कुल संख्या लोकसभा सदस्यों के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।

शपथ ग्रहण के बाद PM मोदी ने कहा

शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मंत्रियों की नई टीम 'युवा ऊर्जा एवं प्रशासनिक अनुभव' का मेल है और हम साथ मिलकर भारत की प्रगति के लिये काम करेंगे। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा,‘आज शपथ लेने वाले सभी को बधाई। यह टीम ऊर्जा से भरे युवाओं और प्रशासनिक अनुभव रखने वालों का मिश्रण है'। उन्होंने कहा कि इसमें ऐसे लोग हैं जो सांसद के रूप में उभर कर आए हैं और ऐसे भी हैं जिनका पहले शानदार पेशेवर कैरियर रहा है। पीएम मोदी ने कहा, ‘हम साथ मिलकर भारत की प्रगति के लिये काम करेंगे'।