‘मोदी जी की सेना’ : योगी के जवाब से चुनाव आयोग नाखुश, कहा - उनके बयान में उनका कद झलकना चाहिए, ऐसे बयानों को लेकर सावधानी बरतें

चुनाव आयोग (Election Commmision) ने योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को भारतीय सेना को 'मोदी की सेना' कहने पर नोटिस भेजकर 5 अप्रैल तक जवाब तलब किया था। जिसके जवाब में योगी ने कहा था कि हम आम बोलचाल की भाषा में यही कहते हैं। राष्ट्रपति सेना के सुप्रीम कमांडर हैं और राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और वरिष्ठ मंत्रियों की सलाह पर ही निर्णय लेते हैं। लिहाजा उसी आधार पर आम बोलचाल की भाषा में इस शब्दावली का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन योगी के बयान से चुनाव आयोग संतुष्ट नहीं है। चुनाव आयोग ने नाराजगी जताते हुए कहा कि योगी एक वरिष्ठ नेता हैं। लिहाजा उनसे अपेक्षा की जाती है कि वह नियम कानून का पालन करें और भविष्य में इस तरीके का बयान फिर ना दें। चुनाव आयोग ने आदित्यनाथ से यह भी कहा कि वरिष्ठ राजनेता और महत्वपूर्ण पद काबिज होने के नाते उनके बयान में उनका कद झलकना चाहिए।

विपक्ष की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने रविवार को गाजियाबाद की एक सभा में योगी आदित्यनाथ के बयान की वीडियो क्लिप के आधार पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। योगी ने अपने भाषण में कहा था, 'कांग्रेस के लोग आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते हैं और मोदी जी की सेना आतंकवादियों को गोली और गोला देती है।'

विपक्ष का हमला

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यूपी के सीएम द्वारा यह कहना कि भारतीय सेना 'मोदी की सेना' है, हैरान करने वाला है। ऐसा बेखौफ वैयक्‍तिकीकरण और इस तरह हमारी प्रिय भारतीय सेना को हड़पना बेहद अपमानजनक है।

वहीं कांग्रेस की प्रियंका चतुर्वेदी ने योगी आदित्यनाथ पर इस बयान को लेकर हमला किया है और उन्होंने उनसे माफी की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया कि 'यह हमारी भारतीय सेना का अपमान है। वे भारतीय सेना के जवान हैं, किसी प्राइवेट प्रचार मंत्री के नहीं। योगी आदित्यनाथ को माफी मांगनी चाहिए।