कानपुर हिंसा: पोस्टर लगते ही खुद सरेंडर करने थाने पहुंच रहे 'पत्थरबाज', अब तक 38 गिरफ्तार

5 दिन पहले कानपुर में हुई हिंसा में पुलिस ने अब तक 38 पत्थरबाजों को गिरफ्तार कर लिया हैं। पुलिस ने सीसीटीवी में दिखे 40 उपद्रवियों की तस्वीरें जारी की थी। इसके बाद आरोपी खुद ही सरेंडर करने थाने पहुंच रहे हैं। सोमवार देर रात एक नाबालिग आरोपी ने सरेंडर किया। कानपुर कमिश्नरेट पुलिस द्वारा पत्थरबाजों के पोस्टर चस्पा करने के बाद पत्थरबाजों में पुलिस का खौफ दिख रहा है। हिंसा में शामिल नाबालिग युवक ने कर्नेलगंज थाने में सरेंडर किया। कल जारी हुए पोस्टर में इसकी तस्वीर 13वें नंबर पर थी। पुलिस ने सोमवार शाम को नाबालिग के बड़े भाई और बहनोई को हिरासत में लिया था। फिर नाबालिग ने खुद ही सरेंडर कर दिया।

गौरतलब है कि 3 जून को नई सड़क इलाके में पत्थरबाजों ने चंद्रेश्वर हाता में पत्थरबाजी की। मामला जुमे की नमाज के बाद दुकानों को बंद कराने का था। आरोप है कि दूसरे समुदाय के लोगों ने दुकान बंद कराने का विरोध किया तो पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस पत्थरबाजी के दौरान न केवल आम नागरिक, बल्कि कई पुलिसवाले भी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने कई पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया, लेकिन कई फरार हो गए। फिर पुलिस ने पत्थरबाजों के पोस्टर छापने शुरू कर दिए हैं। फिलहाल 40 लोगों के पोस्टर जारी किए गए। पुलिस ने बाकायदा सीसीटीवी से छांट-छांटकर पत्थरबाजों की एक लिस्ट तैयार की। इनमें से 40 की फोटो पोस्टर बनाकर कानपुर की दीवारों पर चिपकाई गई।

जमीनी और हवाई हमले की थी पूरी तैयारी

कानपुर हिंसा में पत्थरबाजों ने जमीनी और हवाई हमले की पूरी तैयारी की थी। 3 जून को पत्थरबाजों ने जमीनी हमले के लिए ठेले का इंतजाम किया था। इन ठेलों पर बड़ी मात्रा में पत्थर रखे गए थे। इन्हीं से पत्थर उठाकर फेंके जा रहे थे। इसके अलावा ऊंची इमारतों से भी पत्थर फेंककर हवाई हमले किए जा रहे थे। इमारतों की छतों पर बड़ी मात्रा में पत्थर इकट्ठा किए गए थे। पत्थरबाजों ने जिस चंद्रेश्वर हाता को टारगेट किया था, वहां रहने वाले लोगों का आरोप है कि वो लोग यहां के हिंदू परिवारों को डराकर भगाने के लिए ऐसा कर रहे थे।