कानपुर में बवाल के बाद पुलिस का एक्शन शुरू, 1000 उपद्रवियों पर FIR, 35 गिरफ्तार, दंगाइयों की प्रॉपर्टी पर चलेगा बुलडोजर

कानपुर के बेकनगंज में शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई हो रही है। इस पूरे मामले में तीन प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है। इनमें से दो FIR पुलिस की तरफ से जबकि तीसरी FIR मारपीट व तोड़फोड़ के शिकार हुए शख्स की ओर से दर्ज कराई गई है। कानपुर में हुई हिंसा के बाद देर रात सीएम ने गोरखपुर मंदिर से वर्चुअल बैठक की। इसके बाद बेकनगंज थाने में 1040 उपद्रवियों के खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज की गईं। बवाल के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी समेत 40 लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं। जबकि करीब 1000 बवालियों की पहचान की जानी बाकी है। बता दें कि मामले में अब तक 35 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। उनकी संपत्तियों को जब्त किया जाएगा और बुल्डोजर भी चलेगा।

13 पुलिस कर्मी हुए घायल

पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने जानकारी दी है कि कानपुर हिंसा में 13 पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी और वीडियो फुटेज के जरिए पहचान करने के बाद अब तक 35 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारी गाड़ियों से इलाके में राउंड लगा रहे हैं जबकि डीएम नेहा शर्मा, पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा, मंडल आयुक्त राजशेखर पैदल ही इलाके में गश्त कर लोगों में सुरक्षा का विश्वास जगा रहे हैं। इलाके की बेगमगंज यतीमखाना नई सड़क इलाके को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया है।

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, इस घटना को शासन ने बहुत गंभीरता से लिया है। घटना की गंभीरता को समझते हुए अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है, जिसमें 12 कंपनी और एक प्लाटून पीएसी शामिल है। इसके अलावा सभी डीएसपी, पुलिस कमिश्नर, डीएम और मंडलायुक्त राजशेखर यतीमखाना पुलिस चौकी में डेरा जमाए हुए हैं। जिन लोगों ने भी उपद्रव किया है, उनकी पहचान की जा रही है।

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि कानपुर के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि राउंड द क्लॉक पुलिस प्रशासन की ड्यूटी लगे तथा हर हालत में शांति व्यवस्था बरकरार रहे। उत्तर प्रदेश शासन व पुलिस किसी भी स्थिति में शांति व्यवस्था को भंग नहीं होने देगी।

पुलिस को पर्याप्त मात्रा में मिले हैं वीडियो फुटेज

उधर, पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने कहा कि पुलिस को पर्याप्त वीडियो फुटेज मिले हैं। इसके जरिए दंगाईयों की पहचान की गई है। उन सभी के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया गया है। सभी दंगाईयों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। इसके साथ उनकी संपत्ति जब्त होगी और उनके मकानों पर बुलडोजर भी चलेगा। स्थानीय लोगों से अपील है कि शांति व्यवस्था बनाए रखें। प्रशासन का सहयोग करें, उपद्रवियों पहचानने में हमारी मदद करें।

कानपुर नगर में हुई हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी की नेता नूपुर शर्मा को गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की ओर से दिए गए भड़काऊ बयान से कानपुर में जो अशांति हुई है, उसके लिए भाजपा नेता को गिरफ्तार किया जाए। हमारी सभी से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।

ये है पूरा मामला

3 जून को बेकनगंज इलाके के यतीमखाना बाजार में जुमे की नमाज के बाद करीब 1000 लोगों ने 5 घंटे तक उपद्रव किया। पथराव, तोड़फोड़ करते हुए दुकानों को लूट लिया गया। पुलिस को उन्हें रोकने लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। बताया जा रहा है कि इस हिंसा की असल कहानी आज से ठीक 9 दिन पहले शुरू हो गई थी। 26 मई को एक न्यूज चैनल पर ज्ञानवापी मामले को लेकर डिबेट हो रही थी। इसमें भाजपा नेता नूपुर शर्मा भी मौजूद थीं। डिबेट के सवाल पर नूपुर ने पैगंबर साहब पर एक बयान दिया। नूपुर शर्मा के इस बयान पर कई मुस्लिम संगठनों ने नाराजगी जताई।

27 मई को मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने बाजार बंद का आह्वान किया। नूपुर के बयान पर कानपुर में पोस्टर लगाए गए।

28 मई को हयात की तरफ से 3 मई को जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया गया। 29 मई को मुस्लिम इलाके के हजारों लोगों ने हयात को अपना समर्थन दे दिया।

30 मई को हयात ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ बैठक की। 1 जून को हयात ने 5 जून तक बंदी और जेल भरो आंदोलन टाल दिया, लेकिन बाजार में लगे 3 जून के बंदी के पोस्टर नहीं हटाए गए।

2 जून को बेकनगंज इलाके में फिर दुकानों को बंद करने की अपील की गई। मस्जिदों में हुई तकरीरों में कहा गया कि वो लोग पैगंबर साहब पर की गई किसी भी टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

3 जून को सुबह से ही बेकनगंज में असहज करने वाला सन्नाटा था। इलाके में ज्यादातर दुकानें मुस्लिम समुदाय के लोगों की थी। जो बंद रखी गई थीं, लेकिन यतीमखाना के पास के बाजार में कुछ हिंदू दुकानदारों ने दुकान खोली थीं। दोपहर 1:45 बजे यतीमखाना के पास की मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की गई। 2।30 बजे के करीब नमाज के बाद लोग बाहर निकले और सीधे बाजार में खुली हुई दुकानों को जबर्दस्ती बंद कराने लगे। हिंदू दुकानदारों ने दुकाने बंद करने से मना किया, तो लोगों के बीच शामिल कुछ अराजक तत्वों ने सबसे पहले चंद्रेश के हाता में घुसकर पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद पूरे इलाके का माहौल बिगड़ गया। इसी बीच भीड़ में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने तमंचों से फायर किए।

दोपहर 3 बजे तक बाजार से शुरू हुई घटना अब बवाल की शक्ल ले चुकी थी। देखते ही देखते परेड चौराहा पर करीब एक हजार लोग इकट्‌ठा हो गए। बवाल शुरू होने के बाद स्थितियां तेजी से बेकाबू हुई। पुलिस तंग गलियों में घुसकर कार्रवाई नहीं कर पा रही थी। संकरी गलियों में लोग रुक-रुककर पथराव कर रहे थे। पुलिस ने लोगों को नियंत्रित करने के लिए कई राउंड फायर किए। लाठीचार्ज करके लोगों को गलियों में खदेड़ा गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए करीब 12 थानों का फोर्स मौके पर भेजा गया है।

करीब 5 घंटे तक चले उपद्रव के बाद स्थितियां काबू में आ गईं। पुलिस ने 18 उपद्रवियों को हिरासत में लिया। इस पथराव में करीब 7 लोग घायल हुए हैं। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।