24 घंटे बाद भी नोटों की गिनती नहीं हुई खत्म, कानपुर के कारोबारी के पास मिला इतना कैश

कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां आयकर विभाग की छापेमारी अब तक जारी है। कारोबारी के यहां इतना कैश मिला है कि 8 मशीनें भी अब तक नोटों की गिनती पूरी नहीं हो पाई है। इसी बीच डीजीजीआई की टीम कारोबारी पीयूष जैन के बेटे प्रत्युष जैन को पूछताछ के लिए दूसरी जगह ले गई है। इस छापेमारी को 24 घंटे से ज्यादा बीत गए हैं। घर के अंदर टीम बैठकर नोट गिनने का काम कर रही है। गुरुवार को नोट गिनने की 6 मशीनें बुलाई गई थीं, लेकिन यहां नोटों के बंडल इतने हैं कि मशीनें कम पड़ गई। इसके बाद दो और मशीनें बुलाईं गईं। 8 मशीनों की मदद से टीम नोट गिनने का काम कर रही है, लेकिन अब तक गिनती जारी है।

छापेमारी के दौरान अभी तक पीयूष जैन के घर के बाहर अभी तक नोटों से भरे 6 बक्से रखे हैं। स्टील के ये सारे बड़े-बड़े बक्सों में नोट भरकर आयकर विभाग की टीम अपने साथ ले जाएगी। नोट ले जाने के लिए पीएसी को भी बुला लिया गया है। छापेमारी की कार्रवाई अब तक जारी है।

गुरुवार को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय यानी डीजीजीआई और आयकर विभाग की टीम ने कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर छापा मारा था। इस दौरान अलमारियों में इतने पैसे मिले थे कि नोट गिनने की मशीनें बुलाई गईं।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम के चेयरमैन विवेक जौहरी ने बताया कि अब तक करीब 150 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि नोटों की गिनती अभी तक जारी है।

जीएसटी इंटेलिजेंस की अहमदाबाद यूनिट की ओर से एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में एजेंसी ने बताया कि घर पर छापेमारी के दौरान नोटों के बंडल बरामद हुए हैं। कानपुर के एसबीआई बैंक के अधिकारियों की मदद से गिना जा रहा है। एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि बरामद कैश 150 करोड़ रुपये से ज्यादा भी हो सकता है। एजेंसी अब इस कैश को जब्त करने की तैयारी कर रही है।

कौन हैं पीयूष जैन?

पीयूष जैन कन्नौज की इत्र वाली गली में अपना इत्र का कारोबार करते हैं। इनके कन्नौज, कानपुर के साथ मुंबई में भी ऑफिस हैं। इनकम टैक्स को इनकी लगभग 40 से ज्यादा ऐसी कम्पनियां मिली है, जिनके माध्यम से पीयूष जैन अपना इत्र कारोबार चला रहे थे। आज भी कानपुर की ज्यादातर पान मसाला यूनिट, पान मसाला कम्पाउंड पीयूष जैन से ही खरीदती है। इसी चक्कर में पीयूष जैन कन्नौज से कानपुर आकर आनंद पूरी में रहने लगे थे।