कानपूर के अस्पताल में हादसा, ह्रदय संस्थान के ICU में लगी भीषण आग; 2 मरीजों की मौत

उत्तर प्रदेश के कानपुर में हृदय रोग संस्थान के आईसीयू (ICU) में रविवार सुबह भीषण आग लग गई। हादसे के वक्त ICU में 9 और जनरल वार्ड में 140 मरीजों का इलाज चल रहा था। रेस्क्यू के दौरान जनरल वार्ड के 2 मरीजों की मौत हो गई। दोनों वार्डों के बाकी 147 मरीजों को दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया। आग लगने की सूचना मिलते ही फायर बिग्रेड की 7 गाड़ियां मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाने की कोशिश में जुट गईं। फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. पुलिस कमिशनर असीम अरुण ने बताया कि अस्पताल में आग लगने की सूचना सुबह 7:55 पर मिली थी। जिसके बाद मौके पर फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम पहुंची और आग पर काबू पा लिया गया। अगर इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही सामने आती है तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

आईसीयू (ICU) में आग के बाद खिड़कियों के शीशे तोड़कर मरीजों को बेड समेत बाहर निकाला गया। फिलहाल, स्वास्थ्य कर्मचारी और फायर सर्विस के लोग ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि अंदर तो कोई फंसा नहीं रह गया।

एसपी वेस्ट ने बताया कि आईसीयू से सभी मरीजों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। बाकी मरीजों और तीमारदारों को बाहर निकाला जा रहा है। हमारी पहली प्राथमिकता मरीजों की सुरक्षा है। आग लगने की वजह अभी पता नहीं चली है।

ACP महेंद्र सिंह ने बताया कि ग्राउंड फ्लोर के सभी मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। पहली मंजिल पर 9 मरीजों के फंसे होने की सूचना मिली, लेकिन स्थिति को काबू में कर लिया गया है। मरीजों के लिए खिड़कियों के शीशे तोड़कर वेंटिलेशन की व्यवस्था कर दी गई है।

धुआं कम होने पर ग्राउंड फ्लोर चेक किया जाएगा। ग्राउंड फ्लोर पर अभी किसी के फंसे होने की सूचना नहीं है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि ग्राउंड फ्लोर पर स्थित स्टोर में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी। फायर सर्विस के लोग जांच कर बताएंगे कि आग लगने की क्या वजह रही।

अस्पताल में मौजूद मरीजों के मुताबिक शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी। आग बड़ी तेजी से पूरे आईसीयू और अन्य बिल्डिंग में भी फ़ैल गई।

CM ने मांगी हादसे की रिपोर्ट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित अफसरों से अस्पताल में आग लगने की घटना की रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही जांच के लिए हाई लेवल कमेटी भी बनाई गई है। इसमें DG फायर सर्विस, आयुक्त कानपुर मंडल और प्रमुख सचिव (चिकित्सा-स्वास्थ्य) शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिए हैं कि पहले की तरह सभी सभी अस्पतालों में आग से निपटने के इंतजामों की जांच की जाए।