जिस गाड़ी पर सवार होकर लखनऊ से मध्यप्रदेश पहुंचा विकास दुबे उसकी नंबर प्लेट पर लिखा है 'HIGH COURT'!

विकास दुबे को गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर प्रांगण से गिरफ्तार किया गया है। विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने एक गाड़ी भी जब्त की है। गाड़ी किसी मनोज यादव के नाम पर रजिस्टर्ड है और उसकी नम्बर प्लेट पर हाई कोर्ट HIGH COURT लिखा हुआ है। पुलिस को शक है कि विकास इसी गाड़ी पर सवार होकर एमपी पहुंचा। जैसा की नम्बर प्लेट पर हाई कोर्ट लिखा हुआ है उसी वजह से उसे बॉर्डर पार करने में कोई दिक्कत नहीं हुई। पुलिस गाड़ी को थाने ले आई। इसके बाद गाड़ी को ढूंढते हुए दो लोग थाने पहुंचे और उन्होंने बताया कि यह मेरी गाड़ी है। उज्जैन के थाने में पहुंचे दोनों लोगों ने अपने आपको वकील बताया और कहा कि वो उज्जैन घूमने आए थे। इसके बाद दोनों वकीलों को पुलिस ने थाने में बैठा लिया है और पूछताछ की जा रही है। पुलिस को शक है कि विकास दुबे इसी कार से उज्जैन आया है। फिलहाल दोनों वकीलों से पूछताछ की जा रही है।

बता दे, मनोज यादव भी वकील हैं। उनकी पत्नी ने विकास दुबे के संपर्क में होने के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है। इसके साथ ही मनोज यादव ने भी अपनी पत्नी से फोन पर बात की और सभी आरोपों को खारिज किया है। मनोज यादव के लखनऊ घर पर पुलिस की टीम भी पहुंच गई है। मनोज यादव की पत्नी से पूछताछ की जा रही है। पत्नी से पूछा जा रहा है कि किन हालात में मनोज यादव उज्जैन गए हैं। अब असलियत क्या है ये तो जांच के बाद ही सामने आएगा।

विकास को पकड़ने में पुलिस के छूटे पसीने


बता दे, कानपुर एनकाउंटर में 8 पुलिस कर्मियों की मौत के जिम्मेदार कुख्यात विकास दुबे को एमपी पुलिस ने उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया है। मंदिर प्रांगण में पहुंचे एक शख्स ने मंदिर के अंदर घुसने के बाद चिल्ला चिल्लाकर खुद को विकास दुबे बताया तो वहां हड़कंप मच गया। मंदिर के गेट पर खड़े गार्ड ने फौरन पुलिस को इसकी सूचना दी जिसके बाद उसे हिरासत में लिया गया है।

कुख्यात विकास को पकड़ने के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, और मध्य प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया था लेकिन विकास इतना शातिर है कि सात दिनों तक सात राज्यों की पुलिस को गुमराह करता रहा।

विकास को पकड़ने के लिए कानपुर के चालीस थानों की फोर्स, दस हजार पुलिसकर्मी और यूपी एसटीएफ की सौ से अधिक टीमें, साथ ही प्रदेश का खुफिया विभाग उसकी तलाश करता रहा लेकिन इन सब को गच्चा देकर वो मध्य प्रदेश भाग निकला और फिर बड़ी आसानी से पुलिस की गिरफ्त में आ गया। सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात ये है कि 2 जुलाई को कानपुर एनकाउंटर की घटना के बाद विकास घटनास्थल से महज पांच किमी दूर शिवली गांव में दो दिन छिपा रहा और पुलिस पूरे प्रदेश में उसे ढूंढती रही। घटना के पांच दिन तक विकास कहां है किसी को पता नहीं था।