24 घंटे में सुलझा कमलेश तिवारी हत्याकांड, रशीद पठान नाम का शख्स मुख्य आरोपी, 2015 वाले बयान के कारण हुई हत्या

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) पुलिस ने हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड (Kamlesh Tiwari Murder) को 24 घंटे के अंदर सुलझा लेने का दावा किया है। पुलिस ने घटना में शामिल तीन लोगों को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया है। वहीं, बिजनौर से षड्यंत्र में शामिल मौलाना अनवारुल हक और मौलाना नईम कासनी को हिरासत में लिया गया है। रशीद पठान नाम का शख्स इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने शनिवार को लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस मामले में अब तक तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। ये तीनों इस हत्याकांड में शामिल रहे हैं। इनके नाम हैं, रशीद अहमद पठान, मौलाना मोहसिन शेख और फैजान। रशीद अहमद पठान 23 साल है। डीजीपी ने प्रारंभिक जांच के आधार पर बताया कि 2015 के बयान के कारण इस घटनाक्रम को अंजाम दिया गया है। इसके साथ ही इसमें किसी आतंकी संगठन की संलिप्तता के कोई सबूत अभी तक नहीं मिले हैं।

यूपी पुलिस के मुताबिक रशीद अहमद पठान को कम्प्यूटर का अच्छा खासा ज्ञान है, लेकिन ये पेशे से दर्जी का काम करता है। हिरासत में लिए गए दूसरे शख्स मौलाना मोहसिन शेख की उम्र 24 साल है और ये शख्स एक साड़ी की दुकान में काम करता है। तीसरे शख्स का नाम फैजान है और उसकी उम्र 21 साल है। ये शख्स भी सूरत में रहता है और ये जूते की शॉप में नौकरी करता है। डीजीपी ने साफ कहा कि प्रारंभिक विवेचना से स्पष्ट है कि तीनों इस हत्याकांड में शामिल रहे हैं और अन्य मुख्य अभियुक्त भी हैं। जिनकी गिरफ्तारी की तैयारी कर रहे हैं। एडीजी लखनऊ जोन से और टीम को सूरत भेज सकते हैं और जरूरत पड़ने पर उन्हें लखनऊ लाकर पूछताछ करेंगे। एफआईआर में दर्ज दो षड्यंत्रकारी जिनके नाम मौलाना अनवारुल हक और मौलाना नईम कासनी हैं। रशीद ने शुरुआती प्लान बनाया था और उसी को मौलाना सलीम शेख ने उकसाने का काम किया। डीजीपी ने बताया कि 2015 में कमलेश ने कुछ आपत्तिजनक बात कही थी जिसके बाद मौलाना ने रशीद को उकसाया। फैजान मिठाई खरीदने में शामिल रहा, उससे पूछताछ कर रहे हैं।

डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि घटनास्थल से जो मिठाई का डिब्बा मिला वो अहम सुराग साबित हुआ। उन्होंने कहा कि कल कुछ अहम सुराग मिले थे जिस पर हमें विश्वास था कि हम जल्द इस केस का खुलासा कर लेंगे। उन्होंने कहा कि जो सूचनाएं और क्लू मिले उस पर हमने टीम गठित कर उन्हें एक्शन पर लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस को शुरू से ही शक था कि इस हत्याकांड के तार गुजरात से जुड़े हुए हैं। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में दो और लोगों को हिरासत में लिया था, लेकिन प्राथमिक पूछताछ के बाद इन्हें छोड़ दिया गया है। पुलिस ने कहा कि इन पर अफसरों की नजरें हैं और जरूरत पड़ने पर इनसे फिर से पूछताछ की जाएगी।