हाथरस कांड / SIT को सवर्ण समाज ने सौंपा खून से लिखा पत्र, कहा - कोई निर्दोष नहीं फंसना चाहिए

हाथरस कांड को लेकर लगातार राजनीतिक हलचल जारी है। हाथरस में राजनेताओं को जाने की एंट्री मिली है, तब से कई पार्टियों के प्रतिनिधि वहां पहुंच चुके हैं। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी ने भी पीड़िता के परिवार वालों से मुलाकात की थी। वहीं, सोमवार को आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की। संजय सिंह ने मुलाकात के बाद कहा कि परिवार वाले डरे हुए हैं, पूरा गांव ही छावनी बना दिया गया है। साथ ही उन्होंने सीबीआई जांच को लेकर सवाल उठाए। वहीं, विपक्ष द्वारा लगातार किए जा रहे हमले के जवाब में मुख्यमंत्री योगी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में जातीय दंगा कराने की साजिश रची जा रही है। यूपी सीएम ने कहा कि इसमें विदेशी फंडिंग भी शामिल है, जिसका खुलासा हुआ है। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज विरोधी और राष्ट्र विरोधी लोगों को दंगाग्रस्त यूपी चाहिए था, उनकी कोशिशें सफल नहीं हो रही हैं इसलिए हर कोई षडयंत्र रच रहा है। बीजेपी सरकार में सबको सुरक्षा और सबको सम्मान दिया जाएगा।

खून से लिखा पत्र

वहीं, सोमवार को राष्ट्रीय सवर्ण परिषद के राष्ट्रीय प्रचारक पंकज धवरैया ने एक खून से लिखा पत्र एसडीएम सदर को सौंपा। एसआईटी (SIT) को प्रेषित इस पत्र में कहा गया है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। कोई निर्दोष नहीं फंसना चाहिए। भ्रामक खबरें फैलाने वाले राजनेताओं पर कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि यह नेता अपनी गंदी राजनीति बंद नहीं करेंगे तो उनका हाथरस में घुसना मुश्किल हो जाएगा।

मीडिया से बातचीत में धवरैया ने कहा कि हमारा समाज पीड़ित परिवार के साथ है। पंकज धवरैया ने कहा कि जो भी आरोपी है उसके खिलाफ कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि अगर किसी बेगुनाह को फंसाया गया तो हाथरस में वो आंदोलन होगा, जिसे लोगों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा।

इससे पहले रविवार को पूर्व विधायक के आवास पर शुरू हुई इस पंचायत में हाथरस मामले को लेकर कई अहम बातें रखी गईं। पंचायत में क्षेत्र के सवर्ण समाज के लोग भी इकट्ठा हुए। पंचायत के दौरान सवर्ण समाज के लोगों ने पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों को निर्दोष बताया है। वहीं, सीएम योगी के सीबीआई जांच की सिफारिश वाले फैसले का सवर्ण समाज के लोगों ने स्वागत भी किया।

पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्होंने सीबीआई जांच की मांग नहीं की थी। उनकी मांग है कि पूरे प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से करवाई जाए। हालांकि परिवार ने यह विश्वास जताया कि उन्हें योगी सरकार पर पूरा भरोसा है।