अब उठी मांस-मदिरा बैन करने की मांग, योगी सरकार कर रही है विचार

इलाहाबाद का प्रयागराज और फैजाबाद का नाम अयोध्या रखने के बाद अब साधु संतों ने नई मांग शुरू कर दी है। साधु संतों का कहना है कि पूरे अयोध्या जिले में मांस-मदिरा के सेवन और बिक्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए। बता दें अभी तक जिले में सिर्फ अयोध्या शहर में ये पाबंदी लागू है। इसमें पंचकोसी परिक्रमा क्षेत्र आता है। उधर जानकारी के अनुसार योगी सरकार ने संतों की मांग को देखते हुए मामले में विधिक राय मांगी है।

मांस और मदिरा की बिक्री का विरोध


संत अब पूरे अयोध्या में मांस और मदिरा की बिक्री का विरोध कर रहे हैं। बता दें फैजाबाद का नाम अयोध्या किए जाने पर अब 14 कोसी परिक्रमा मार्ग तक का क्षेत्र भी इस दायरे में आ गया है। संतों का कहना है कि मांस और शराब बेचा जाना भगवान राम का अपमान है। रामजन्मभूमि के प्रमुख स्वामी सतेंद्र दास समेत कई संतों ने यह मांग रखी है। संतों का कहना है कि मीट और शराब से हिंसा और प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है, जो कि राम की नगरी में ठीक नहीं है, इसलिए इसपर बैन लगना चाहिए।

उधर जानकारी के अनुसार सरकार ने भी संतों की इस मांग पर फैसला लेने की तैयारी कर ली है। प्रदेश सरकार ने पूरे अयोध्या जिले में शराब और मीट के प्रतिबंध को लेकर विधिक राय मांगी है।

बदलेगा लखनऊ के चिड़िया घर का नाम

हाल ही में लखनऊ के इकाना स्टेडियम का नाम बदलने के बाद सूबे की योगी सरकार लखनऊ के चिड़िया घर का नाम बदलने की तैयारी में है। लखनऊ जू का नाम नवाब वाजिद अली शाह की जगह अटल बिहारी वाजपेयी प्राणि उद्यान हो सकता है। इस बारे में जल्द घोषणा की जा सकती है।

इकाना स्टेडियम के बाद राजधानी को अटल नाम की ये दूसरी सौगात मिल सकती है। कहा जा रहा है कि आगामी 25 दिसम्बर को अटल जयंती पर लखनऊ के चिड़ियाघर का नाम बदल सकता है। लखनऊ जू वर्ष 1921 में अंग्रेजी हुकूमत में बनाया गया था। जिसका नाम इंग्लैण्ड के तत्कालीन राजकुमार के नाम पर ‘प्रिंस ऑफ वेल्स जूलॉजिकल गार्डेन’ रखा गया था। देश की आजादी के करीब 80 साल बाद जू का नाम 4 जून, 2001 को बदलकर लखनऊ प्राणि उद्यान कर दिया गया। इसके बाद मार्च 2015 में अखिलेश सरकार में इसका नाम अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह प्राणी के नाम पर कर दिया गया। बता दें लखनऊ जू में हर साल 13 लाख दर्शक आते हैं।

लखनऊ जू कान्क्लेव में पत्रकारों से बातचीत में वनमंत्री दारा सिंह चौहान ने नाम बदलने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि इस पर विभाग सही समय पर फैसला लेगा।

बता दें, यह तीसरा मौका होगा जब लखनऊ चिड़ियाघर का नाम बदला जा रहा है। हालांकि, नाम बदलने से दर्शकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला, बल्कि लखनऊवासियों के लिए यह गौरव की ही बात होगी।