यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने खून से खत लिखकर की मांग- राहुल गांधी न दें पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा

लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस्तीफे की पेशकश के दो दिन बाद भी अपने फैसले पर अड़े हैं वही दूसरी ओर उनके समर्थक, पार्टी कार्यकर्ता बल्कि लालू यादव समेत गठबंधन के कई नेता चाहते हैं कि वह इस्तीफा न दें। इसी क्रम में जौनपुर के यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अपने खून से खत लिख कर राहुल गांधी से इस्तीफा न देने की गुजारिश की है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब से राहुल गांधी के इस्तीफा की बात सुनी है तभी से हमलोग परेशान हैं।

युवा कार्यकर्ताओं का कहना है कि राहुल गांधी आम चुनाव में हार के कारण इस्तीफा न दें। कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे। पार्टी की कमियों को दूर करने के लिए हमलोग दिन-रात मेहनत करेंगे। उन्हें पार्टी और राष्ट्रीय अध्यक्ष की मेहनत पर पूरा भरोसा है। पार्टी एक बार फिर सत्ता पर काबिज होगी।

बता दें कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने स्पष्ट रूप से पार्टी से कहा है कि वह पद छोड़ने के अपने फैसले से पीछे नहीं हट रहे हैं। कुछ नेताओं ने सोमवार को राहुल को मनाने की कोशिश की। हालांकि, वे अपने फैसले पर बने हुए हैं। रविवार को खबरें आई थीं कि राहुल ने इस्तीफा देने का फैसला वापस ले लिया है। वही अब ख़बरें आ रही है कि कांग्रेस चार दिनों में अपनी कार्यसमिति (CWC) की एक और बैठक बुलाने की योजना बना रही है। बैठक में राहुल गांधी को अंतिम बार मनाने की कोशिश की जाएगी, साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था पर भी विचार किया जाएगा।

नेताओं ने पार्टी से ऊपर अपने परिवार को रखा

इससे पहले राहुल ने शनिवार को बैठक के दौरान कहा था कि कई नेताओं ने पार्टी से ऊपर अपने परिवार को रखा। बेटों को टिकट दिलाने और चुनाव जिताने में लगे रहे। इन नेताओं ने दूसरे स्थानों पर ध्यान नहीं दिया। राहुल के इस बयान के बाद राजस्थान में पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े होने लगे हैं। कई मंत्रियों ने लोकसभा में हार की जिम्मेदारी तय किए जाने की बात कही। सीडब्ल्यूसी में मौजूद नेताओं के मुताबिक, राहुल ने बैठक के दौरान किसी भी नेता की जिम्मेदारी पर चर्चा नहीं की, बल्कि खुद इस्तीफे की पेशकश की। कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में राहुल गांधी चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेताओं के ढीलेपन को लेकर उन पर निशाना साधा था। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के कई नेताओं ने पार्टी से आगे अपने बेटों को रखा और उन्हें टिकट दिलाने के लिए दबाव बनाया। हालांकि, राहुल गांधी ने किसी का नाम नहीं किया, लेकिन कई वरिष्ठ नेताओं के बेटे और बेटियों को हार का सामना करना पड़ा। इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत, कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष मोहन देव की बेटी सुष्मिता देव शामिल हैं। गहलोत ने राजस्थान में कुल 130 रैलियां और रोड शो किए। इनमें 93 जोधपुर में कीं। जोधपुर से कांग्रेस ने गहलोत के बेटे वैभव को टिकट दिया था। पार्टी राज्य की सभी 25 सीटों पर चुनाव हार गई।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कुल 52 सीटें मिली हैं। कई राज्यों में पार्टी का खाता भी नहीं खुला है। वहीं बीजेपी अकेले 303 सीटों पर जीत दर्ज की है।