बलिया गोलीकांड / मुख्य आरोपी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर, 25 हजार का इनाम घोषित

उत्तर प्रदेश के बलिया में एसडीएम और सीओ के सामने गोली मारकर युवक की हत्या करने वाला मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह उर्फ डब्ल्यू पुलिस की पकड़ से बाहर है। पुलिस ने डब्ल्यू समेत 6 वांछित आरोपियों के खिलाफ 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। एसपी बलिया ने 15 अक्टूबर को रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में हुई घटना के संबंध में फरार आरोपियों पर ये इनाम राशि घोषित की है।

आरोपी ने जारी किया वीडियो

इस सनसनीखेज गोलीकांड के बाद मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने खुद वीडियो जारी कर दावा किया था कि उसने कोई गोली नहीं चलाई। साथ ही धीरेंद्र सिंह ने मांग की थी कि इस पूरे मामले की उचित जांच होनी चाहिए। अपने बयान में धीरेंद्र प्रताप ने कहा था कि 15 अक्टूबर को राशन की दुकानों का आवंटन होना था और इसी वजह से कई अधिकारी मौके पर आवंटन प्रक्रिया के लिए आए हुए थे। मैंने भी इसी मामले को लेकर एसडीएम और बीडीओ से मुलाकात की थी। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि उसने अधिकारियों को अवगत कराया था कि क्षेत्र में चीजें काफी खराब थीं। साथ ही उसने एसडीएम, बीडीओ और अन्य अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए। धीरेंद्र प्रताप का आरोप था कि वे लोग आवंटन प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे थे। धीरेंद्र प्रताप ने घटना के लिए पुलिस और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।

बीजेपी विधायक ने किया बचाव

इस मामले में बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह के बयान से भी सरकार की काफी किरकिरी हुई है। सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि धीरेंद्र प्रताप सिंह ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी। इसके बाद से विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर है। दरअसल, आरोपी भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह का करीबी है। भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि आरोपी ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी। सुरेंद्र सिंह ने कहा, ‘धीरेंद्र सिंह अगर आत्मरक्षा में गोली नहीं चलाया होता, तो कम से कम उसके परिवार के दर्जनों लोग मार दिए गए होते। जिस तरह से प्रशासन अपनी कार्रवाई कर रहा है, मैं आग्रह करूंगा कि दूसरे पक्ष की बात भी करें’।

बलिया विधायक ने कहा, ‘अगर आरोपी ने गोली चलाई तो वो आत्मरक्षा में चलाई है, ये अपराध हो सकता है लेकिन आत्मरक्षा के लिए ही लाइसेंस मिलती है। लेकिन उनके सामने मरने और मारने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था।’

कई पुलिसकर्मी सस्पेंड

इस सनसनीखेज हत्याकांड में एडीजी के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने तीन सब इंस्पेक्टर, पांच कॉन्स्टेबल और दो महिला कॉन्स्टेबल को सस्पेंड किया है। दस पुलिसवालों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है।

पूरी घटना

गुरुवार को दुर्जनपुर व हनुमानगंज में सरकारी कोटे की दो दुकानों के लिए पंचायत भवन पर बैठक बुलाई गई थी। एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ बैरिया चंद्रकेश सिंह, बीडीओ बैरिया गजेंद्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स मौजूद थी। दुकानों के लिये 4 स्वयं सहायता समूहों ने आवेदन किया था। दुर्जनपुर की दुकान के लिए दो समूहों के बीच मतदान कराने का निर्णय लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि वोटिंग वही करेगा, जिसके पास आधार या कोई दूसरा पहचान पत्र होगा। एक पक्ष के पास कोई आईडी प्रूफ नहीं था। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया। तभी जयप्रकाश उर्फ गामा पाल को धीरेंद्र ने ताबड़तोड़ चार गोलियां मार दीं और वहां सेर फरार हो गया।

हालांकि, स्थानीय डीएम का दावा है कि पुलिस आरोपी की तलाश में लगी है और अभी तक इस मामले में सात लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है। गोलीकांड के मामले में कुल आठ नामजद और 25 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।