समझ से परे कोरोना जांच का यह खेल, महिला की मौत के 17 दिन बाद कैसे हो गया कोविड टेस्ट

कोरोना के आंकड़ों में हेराफेरी करने आरोप स्वास्थ्य विभाग पर लगते रहे है। हाल ही में ताजा मामला उत्तर प्रदेश के आगरा से सामने आया है। यहां, महिला की मौत के 19 दिन बाद कोरोना की रिपोर्ट सामने आई। इससे ज्यादा चौकाने वाली बात यह थी कि जिस दिन महिला की रिपोर्ट आई उसी दिन की कलेक्शन डेट दिखाई। जबकि महिला की मौत पहले ही हो चुकी थी। यह पूरा मामला आगरा के गढ़ी भदोरिया स्थित शकुंतला नगर का है।

abp News की खबर के अनुसार 52 वर्षीय मीरा देवी की हालत 20 अप्रैल खराब हुई थी। जिसके बाद परिजन महिला को नजदीकी डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने मीरा देवी का कोरोना टेस्ट करवाने की बात कही। जांच करने पर मीरा देवी की एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव आई, जिसके बाद परिजन महिला को घर ले आए। लेकिन कुछ देर बाद ही मीरा देवी की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें तुरंत एक नामी प्राइवेट अस्पताल मे लेकर गए जहां जांच में मीरा देवी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिसके बाद उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका कोरोना टेस्ट दोबारा किया गया। मगर दूसरे ही दिन 22 अप्रैल को मीरा देवी की मौत हो गई।

9 मई सैंपल कलेक्शन की डेट

असल बात तो अब शुरू होती है। महेंद्र सिंह का कहना है कि मां की मौत के बाद वो लगातार रोजाना अपनी और अपने माता-पिता की आरटीपीसीआर रिपोर्ट ऑनलाइन सरकारी पोर्टल पर देखते रहे। महेंद्र के अनुसार दो चार दिन के बाद ही उनकी और पिता की रिपोर्ट ऑनलाइन आ गई, मगर मां मीरा देवी की रिपोर्ट सामने नहीं आई। करीब 19 दिन बाद 9 मई 2021 को मां की ऑनलाइन रिपोर्ट सामने आई। इसमें हैरान करने वाली बात ये थी कि सैंपल कलेक्शन की डेट 9 मई 2021 दी गई थी। ऐसे में दो सवाल उठते है पहला कि महिला की जांच रिपोर्ट 19 दिन बाद 9 मई को कैसे आई। इतने दिनों तक सैंपल कंहा था। वहीं दूसरा सवाल ये कि 9 मई को कलेक्शन डेट क्यों दिखाई दी, जबकि महिला की मौत 22 अप्रैल को हो चुकी थी।