ईरान बोला- US सैन्य ठिकानों पर हमने दागीं 22 मिसाइलें, 80 अमेरिकी सैनिकों की मौत

इराक में अमेरिकी सेना के ठिकानों पर ईरान ने 22 बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया है। ईरान ने दावा किया है कि उसकी 17 मिसाइलों ने अमेरिका के अइन अल-असद एयरबेस को निशाना बनाया है। ईरान का दावा किया है कि इस हमले में 80 अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसके पहले कहा था कि मिसाइल अटैक के बाद भी सब कुछ ठीक है। राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, 'ऑल इज वेल! इराक में अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर ईरान की तरफ से मिसाइलें दागी गईं। जान-माल के नुकसान के आकलन किया जा रहा है। अब तक सब ठीक है।' ट्रंप यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, 'हमारे पास दुनिया की सबसे ताकतवर और सुसज्जित सेना है। मैं कल सुबह बयान दूंगा।'

ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद मंगलवार देर रात ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर दर्जनभर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। फिलहाल पेंटागन नुकसान का आकलन कर रहा है।

ईरान की अर्ध सरकारी न्यूज एजेंसी फार्स न्यूज एजेंसी ने इराक के अमेरिकी एयरबेस पर दागे गए रॉकेट्स का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह सुबह साढ़े 5 बजे आसमान से मिसाइलें गिर रही हैं और जमीन पर गिरते ही धमाका हो रहा है। इस दौरान कई लोगों की वहां से जान बचाकर भागने की आवाज़ भी सुनाई दे रही है।

समाचार एजेंसी इस्ना के मुताबिक, आज सुबह, (ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड) के साहसी लड़ाकों ने 'ओह जाहरा' कोड के साथ आतंकवादी अड्डे और आक्रामक अमेरिकी फोर्सेज 'एन अल असद' पर मिसाइलें दाग कर ऑपरेशन शहीद सुलेमानी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

एबीसी न्यूज ने बताया कि एक अमेरिकी अधिकारी ने पुष्टि की है कि इराक में कई अमेरिकी सैन्य अड्डों पर ईरान के अंदर से 'बैलिस्टिक मिसाइलों' को दागा गया, जिसमें उत्तरी इराक में एरबिल और पश्चिमी इराक में अल असद एयर बेस शामिल हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के रिवॉल्युशनरी गार्ड्स ने अमेरिकी एयरबेस पर हमले को 'शहीद सुलेमानी' ऑपरेशन का नाम दिया और ताबड़तोड़ कई मिसाइलें दागीं। इस घटना के बाद ईरानी के एक एटमी प्लांट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि उस पर अमेरिकी हमले की आशंका मंडराने लगी है।

समाचार एजेंसी इस्ना से एक ईरानी अधिकारी ने कहा कि उन देशों पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं जहां ईरान के आसपास अमेरिकी सैन्य ठिकाने बने हैं। ईरान पहले भी अमेरिका सहित उसके सहयोगी देशों को कड़े अंजाम भुगतने की चेतावनी दे चुका है। इसके बाद कनाडा ने इराक से अपने सैनिकों को कुवैत भेजने पर विचार किया है।