राम मंदिर के लिए भक्तों ने दिल खोल कर दिया दान, 2100 करोड़ रुपए हुए जमा

रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए धन इकट्ठा करने का अभियान चलाया गया था। यह अभियान शनिवार शाम को खत्म हो गया है। यह अभियान 15 जनवरी को शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत राम मंदिर निर्माण के लिए 2,100 करोड़ रुपए चंदा जुटाया जा चुका है। फिलहाल 1,500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है, यानी यह अनुमान से लगभग डेढ़ गुना है। पहले 1,100 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान था, लेकिन नींव का प्लान बदलने की वजह से लागत बढ़ गई। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि का कहना है कि भविष्य में नई योजनाओं के हिसाब से लागत बढ़ सकती है। ऐसा हुआ तो चंदा अभियान फिर चलाया जा सकता है। वहीं, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि अभी कोई सीमा नहीं है कि इसकी लागत कितनी होगी। मंदिर बनने के बाद इसका विस्तार भी होना है।

विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने 15 जनवरी से निधि समर्पण अभियान शुरू किया था। 44 दिन में टारगेट पूरा होना था। जिन राज्यों में अभियान देर से शुरू हुआ था वहां चंदा जुटाया जा रहा है। ऐसे में धनराशि और बढ़ना तय है। स्वामी गोविंद देव गिरि ने बताया कि कई डिपॉजिटर की धनराशि बैंकों में जमा होने की प्रक्रिया चल रही है। सही लेखा-जोखा मार्च के आखिरी तक पूरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि विदेशों में रहने वाले भी वहां यह अभियान चलाने की मांग कर रहे हैं। उनसे चंदा किस तरह लिया जाए, इसका फैसला मंदिर ट्रस्ट पदाधिकारियों की बैठक में लिया जाएगा।

मुस्लिम समाज के लोगों ने भी दिया दान

ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्र ने बताया कि डेढ़ लाख टोलियां इस अभियान में लगी थीं। चंदा देने में धर्म, जाति और संप्रदाय की बेड़ियां टूटी हैं। सभी ने राम मंदिर के लिए दान दिया है। इनमें बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग भी शामिल हैं।

राम मंदिर की नींव की भराई का काम अगले 15 दिनों में शुरू हो जाएगा। अभी मंदिर की नींव के लिए खुदाई का काम तेजी से चल रहा है। इसके तहत राम जन्मभूमि परिसर के भीतर मौजूद मंदिरों को तोड़े जाने के बाद भारी-भरकम जेसीबी मशीनें जमीन को समतल करती जा रही हैं। राम जन्मभूमि ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारियों के मुताबिक इस परिसर में जिन मंदिरों को अभी तोड़ा जा रहा है, उन सभी को योग्य स्थान पर फिर से स्थापित किया जाएगा।