कोविड-19 के कारण महिलाओं की स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र की चौंकाने वाली रिपोर्ट

वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया हैं जिससे सभी देश अपनी अर्थव्यवस्था को संभालने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इस बीमारी का हर क्षेत्र और व्यक्ति पर व्यापक असर पड़ा हैं। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई हैं जिसमें कोविड-19 के कारण महिलाओं की दयनीय स्थिति को दर्शाया हैं। रिपोर्ट के अनुसार महामारी 2021 तक 4.7 करोड़ और महिलाओं एवं लड़कियों को अत्यधिक गरीबी की तरफ धकेल देगी। संयुक्त राष्ट्र महिला एवं संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के इस नए आकलन में कहा गया कि कोविड-19 संकट महिलाओं के लिए गरीबी दर को बढ़ा देगा और गरीबी में रहने वाली महिलाओं एवं पुरुषों के बीच का अंतर बढ़ जाएगा।

महिलाओं के लिए गरीबी दर 2019 से 2021 के बीच 2.7 प्रतिशत तक घटने की उम्मीद थी, लेकिन वैश्विक महामारी और उसके दुष्परिणामों के कारण अब इसके 9.1 प्रतिशत तक बढ़ने की आशंका है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने कहा कि “वैश्विक महामारी 2021 तक 9.6 करोड़ लोगों को अत्यंत गरीबी की ओर धकेल देगी जिनमें से 4.7 करोड़ महिलाएं एवं लड़कियां होंगी। यह संकट बेहद गरीबी में रहने वाली कुल महिलाओं की संख्या को बढ़ाकर 43.5 करोड़ कर देगा। अनुमान से पता चलता है कि 2030 तक यह संख्या वैश्विक महामारी से पहले के स्तर तक नहीं लौट पाएगी।”

अनुमान दिखाते हैं कि वैश्विक महामारी सामान्य तौर पर समूची वैश्विक गरीबी को प्रभावित करेगी, लेकिन महिलाएं अत्यधिक प्रभावित होंगी और इनमें खासकर प्रजनन आयु वर्ग की महिलाएं और ज्यादा प्रभावित होंगी। 2021 तक बेहद गरीबी में रह रहे 25 से 34 साल के 100 पुरुषों पर 118 महिलाएं होंगी। यह अंतर 2030 तक प्रति 100 पुरुष पर 121 महिलाओं का हो जाएगा।

संयुक्त राष्ट्र महिला (यूएन वीमन) संस्था की कार्यकारी निदेशक फुमजाइल म्लाम्बो नगकुका ने कहा कि “महिलाओं की अत्यंत गरीबी में यह बढ़ोतरी, हमारे समाज एवं अर्थव्यवस्था को हमने जिन तरीकों से बनाया है, उनमें गहरी खामियों को दिखाता है।”