मोदी सरकार के बड़े फैसले: ई-सिगरेट बैन, रेलवे कर्मचारियों को बोनस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर आज केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक हुई। इस बैठक में ई-सिगरेट (E-Cigratte) पर पूरी तरह से सरकार ने बैन लगा दिया है। मोदी कैबिनेट ने आज कई अहम फैसले लिए। केंद्र सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस बार रेलवे के 11 लाख 52 हजार कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस दिया जाएगा। इस पर रेलवे को 2024 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ई-सिगरेट पर बैन का मतलब इसके उत्पादन, आयात-निर्यात, ट्रांसपोर्ट, बिक्री, वितरण और विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध है।

उन्होंने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि ई-सिगरेट 150 से ज्यादा फ्लेवर्स में मिलती है, ऐसे दिखाया जाता है जैसे इसके माध्यम से सिगरेट छोड़ने में आसानी होती है, जबकि अध्ययन से खुलासा हुआ है कि इसके माध्यम से सिगरेट की आदत को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि ई-सिगरेट को बैन करने का अध्यादेश पारित किया जाएगा। इसके बाद अध्यादेश को अगर राष्ट्रपति जी मंजूरी मिलती है तो इसे संसद के अगले सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा।

बता दे, ई-सिगरेट, हीट-नॉट-बर्न स्मोकिंग डिवाइसेस, वेप एंड ई-निकोटीन फ्लेवर्ड हुक्का जैसे वैकल्पिक धूम्रपान उपकरणों पर प्रतिबंध लगाना अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार के पहले 100 दिनों के एजेंडे की प्राथमिकताओं में था।

बता दे, मंगलवार को न्यू यॉर्क ई सिगरेट पर बैन लगाने वाला दूसरा स्टेट बन गया है। यूनाइटेड स्टेड में मिशिगन के बाद न्यूयॉर्क सिटी दूसरा ऐसा स्टेट बन चुका है, जहां फ्लेवर्ड ई-सिगरेट पर बैन लगाया जा चुका है। बैन के निर्णय के बाद एंड्रयू क्वोमो ने कहा कि 'इस बात में कोई संदेह नहीं है कि ई-सिगरेट प्रोवाइडर कंपननियां जानबूझकर बबलगम, कैप्टन क्रंच और कॉटन कैंडी जैसे फ्लेवर का उपयोग कर रही हैं ताकि युवाओं को ई-सिगरेट की तरफ आकर्षित किया जा सके। यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का विषय है और आज यह समाप्त होता है।'

क्‍या है e-cigarette


ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाले ऐसी डिवाइस हैं जिनमें लिक्विड भरा रहता है। यह निकोटीन और दूसरे हानिकारक केमिकल्‍स का घोल होता है। जब आप कश खींचते हैं तो हीटिंग डिवाइस इसे गर्म करके भाप (vapour) में बदल देती है। इसीलिए स्‍मोकिंग की तर्ज पर vaping (वेपिंग) कहते हैं।

रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस

वही मोदी कैबिनेट की बैठक में रेलवे कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ा फैसला लिया गया। सरकार ने 11 लाख रेलवे कर्मचारियों को बोनस के रूप 78 दिनों का वेतन देने का फैसला किया है। यह बोनस रेल कर्मचारी के प्रोडक्टिविटी लिंक इमॉल्‍यूमेंट का हिस्‍सा है। हालाकि रेलवे यूनियन इसे कम बताती हैं। रेलवे बीते 7 साल से यही बोनस बांट रहा है। वही कुछ दिन पहले ऑल इंडिया रेलवे मेन्‍स फेडरेशन के सेक्रेटरी एसजी मिश्र ने कहा था कि सरकार को रेल कर्मचारियों के बोनस के फॉर्मूले को बदलना चाहिए। रेलवे कर्मचारियों को जो 17951 रुपये मिल रहा है, वह न्यूनतम मजदूरी से भी कम है। कर्मचारियों की मांग है कि कम से कम 80 दिनों का बोनस मिलना चाहिए। सरकार ने बीते साल भी इतना बोनस दिया था।