Budget 2020 : IDBI और LIC में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

सरकार ने 2019-20 में विनिवेश के जरिए 1.05 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, सितंबर तक वह सिर्फ 12,359 करोड़ रुपये ही जुटा पाई है। सरकार पहले ही राजकोषीय घाटे के स्तर को पार चुकी है। इसको देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की बड़ी हिस्सेदारी बेचने का ऐलान कर दिया। इसके अलावा वित्त मंत्री ने आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में भी अपनी हिस्सेदारी बेचने की बात कही। LIC का आईपीओ जारी किया जाएगा। सरकार एलआईसी में कितना हिस्सा बेचेगी इसको लेकर विशेष जानकारी नहीं है, लेकिन सदन में ही विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया। निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का बड़ा हिस्सा बेचने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ लेकर आएगी और इसके जरिए एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। वहीं IDBI बैंक की हिस्सेदारी भी निजी कंपनियों को बेचीं जाएगी लेकिन नियंत्रण सरकार के पास ही रहेगा। हालांकि उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया कि सरकार के पास कितनी हिस्सेदारी रहेगी।

सरकार ने हाल ही में एयर इंडिया में 100% हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया है। 17 मार्च तक एयर इंडिया के लिए बोली जमा की जा सकती है। इसके अलावा भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और भारतीय कंटेनर निगम (कॉनकॉर) के विनिवेश का ऐलान पहले ही किया जा चुका है।

आपको बता दे, एलआईसी से कर्ज लेकर दबा लेने वाली डिफॉल्टर कंपनियों में कई बड़े नाम शामिल हैं। इनमें एस्सार पोर्ट, गैमन, IL&FS, डेक्कन क्रॉनिकल, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज, आलोक इंडस्ट्रीज, भूषण पावर, अमट्रैक ऑटो, एबीजी श‍िपयार्ड, जीवीके पावर, यूनिटेक और जीटीएल शामिल हैं। एलआईसी ने ऐसी कई कंपनियों को टर्म लोन और एनसीडी के रूप में कर्ज दिया है। इनमें से कई डिफॉल्टर से पैसा वापस मिलना काफी मुश्किल है।