वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट (Budget 2019) लोकसभा में पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया लेकिन उन्होंने गाड़ी और घर खरीदने वालों को जरूर राहत दी। वित्त मंत्री ने ईलेक्ट्रिक व्हीकल और अफोर्डेबल घर खरीदने वालों को टैक्स छूट का लाभ दिया।
सस्ते घरों की खरीद के लिए बड़ा ऐलानबजट में मिडिल क्लास के लिए मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। मध्यम वर्ग को भी बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री ने होम लोन के ब्याज पर मिलने वाले इनकम टैक्स छूट को साल में 2 लाख से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये कर दिया है। यह छूट 45 लाख रुपये तक के मकान पर मिलेगा। यह छूट 31 मार्च 2020 तक खरीदे जाने वाले घर के लिए है।
आसान शब्दों में बात करें होम लोन के ईएमआई की डिटेल देखें तो उसमें होम लोन की मासिक किस्त (EMI) में मूलधन और ब्याज दोनों शामिल होता है। शुरुआती सालों में उसमें ब्याज की हिस्सेदारी अधिक होती है और मूलधन की कम। होम लोन की मासिक किस्त के रूप में आप बैंक को जितनी रकम देते हैं, उसमें मूल धन वाले हिस्से पर आप इनकम टैक्स कानून के Section 80C के तहत टैक्स बचा सकते हैं। इसी तरह इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 24 के तहत आयकर में छूट का लाभ उठा सकते हैं।
Section 80C के तहत होम लोन के मूलधन की रकम की अदायगी पर सालाना 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट शामिल है। साथ ही सेक्शन 24 के अंतर्गत पहले किसी वित्त वर्ष में ब्याज के भुगतान पर 2 लाख रुपये तक की रियायत भी मिलती थी। इसे वित्त मंत्री ने अब बढ़ाकर 3.5 लाख तक कर दिया है।
ई-वीकल्स खरीदने वालों को इनकम टैक्स में मिलेगी छूटबजट में वित्त मंत्री ने ई-वीकल्स खरीदने वालों को ऑटो लोन पर 1.50 लाख रुपये तक के ब्याज पर इनकम टैक्स से छूट देने की घोषणा की। इसके अलावा 2.5 लाख रुपये तक का इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर भी छूट दी जाएगी।
मोदी सरकार ने अमीरों पर टैक्स बढ़ा दिया है और अब 2 से 5 करोड़ रुपये सालाना कमाने वालों को 3 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा। इसके अलावा 5 करोड़ रुपये से 7 करोड़ रुपये सालाना आमदनी वालों को 7 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते समय इसका एलान किया। वही मोदी सरकार ने कहा अगर कोई भी व्यक्ति बैंक से एक साल में एक करोड़ से अधिक की राशि निकालता है तो उसपर 2% का TDS लगाया जाएगा। यानी सालाना 1 करोड़ रुपये से अधिक निकालने पर 2 लाख रुपये टैक्स में ही कट जाएंगे।