UN में बोले PM मोदी- कोरोना महामारी की लड़ाई को हमने जनआंदोलन बनाया , भारत का रिकवरी रेट सबसे बेहतर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (PM Narendra Modi) आज शुक्रवार को डिजिटल माध्यम से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को संबोधित किया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अस्थाई सदस्यता प्राप्‍त होने के बाद पीएम मोदी का यह पहला संबोधन है। पीएम मोदी का यह संबोधन संयुक्त राष्ट्र की 75वीं सालगिरह की पूर्व संध्‍या पर न्‍यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम में हुआ। प्रधानमंत्री मोदी का ये संबोधन वर्चुअल ही हुआ। बता दे, पीएम मोदी ने इससे पहले पिछले साल सितंबर में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा को संबोधित किया था। प्रधानमंत्री ने तब अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी।

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ संयुक्‍त लड़ाई में हमने 150 से अधिक देशों में चिकित्‍सा और अन्‍य तरीकों से सहायता पहुंचाई है। हमने सहयोग का हाथ बढ़ाया है। भारत ने आपदाओं का मुकाबला तेजी और मजबूती से किया। हमने सार्क कोविड इमरजेंसी फंड बनाया। उन्‍होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई को हमने जनआंदोलन बनाया है। कोरोना पर भारत का रिकवरी रेट दुनिया में सबसे बेहतर है। हमने जनता को कोरोना के खिलाफ लड़ाई से जोड़ा। चुनौतियों से हमें मिल-जुल कर लड़ना होगा। अर्थव्यवस्था को वापस ट्रैक पर लाने के लिए पैकेज लाए। हमने आत्मनिर्भर भारत अभियान चलाया।

पीएम मोदी ने कहा क‍ि संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ आज की दुनिया में इसकी भूमिका और महत्ता के आकलन का अवसर है। महामारी ने सभी देशों के धैर्य की कठिन परीक्षा ली। कोविड के खिलाफ लड़ाई में हमारे जमीनी स्तर की स्वास्थ्य प्रणाली भारत को दुनिया में इस संक्रमण से उबरने की सबसे बेहतर दर सुनिश्चित में मदद कर रही है।

संयुक्त राष्ट्र के अपने वर्चुअल संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि सबको भोजन के लिए हम खाद्य सुरक्षा लेकर आए। हमारे खाद्य सुरक्षा योजना से देश के 830 मिलियन नागरिकों को लाभ मिला है। पीएम आवास योजना के जरिए 2022 तक हर भारतीय के सिर के ऊपर अपनी छत होगी जब भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा।

40 करोड़ बैंक खाते खोले

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद दुनिया बदल गई है। भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। हम अपनी महिलाओं को सशक्त बनाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। पिछले 6 साल में हमने डायरेक्ट बिनिफिशियल प्रोग्राम के लिए 40 करोड़ बैंक खाते खोले हैं। जरूरतमंद लोगों के खाते में सीधे पैसे पहुंचाए। उन्‍होंने कहा कि हम एजेंडा 2030 पर तेजी से काम कर रहे हैं। शुरूआत से ही हमारा उद्देश्‍य रहा है, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्‍वास। इसके साथ ही हम विकासशील देशों की मदद भी कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमने गरीबों के लिए घर बनाए। हमने गरीबों के इलाज के लिए आयुष्मान योजना चलाई। आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ योजना है। भारत विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। विकास के रास्ते पर बढ़ते हुए हम प्रकृति के लिए भी सोच रहे हैं। पांच साल में हमने 38 मिलियन कार्बन उत्सर्जन कम किया। सिंगल यूज प्लास्टिक बैन का अभियान चलाया।

यूएन के अपने आखिरी भाषण में क्या बोले थे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासभा को भी संबोधित कर चुके हैं। पीएम मोदी ने सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में महात्मा गांधी, स्वच्छता, आतंकवाद जैसे मुद्दों का जिक्र किया था।

उस समय अपने संबोधन में महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि मेरे लिए गौरव का अवसर है कि यूएन के 74वें सत्र को 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संबोधित कर रहा हूं। यह अवसर इसलिए भी विशेष है, क्योंकि इस साल पूरा विश्व महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। महात्मा गांधी का सत्य और अहिंसा का संदेश आज भी दुनिया के लिए प्रासंगिक है।

क्या है संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने के सहयोग, अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शांति के लिए कार्यरत है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र अधिकार पत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई थी।

क्यों हुई थी संयुक्त राष्ट्र की स्थापना

संयुक्त राष्ट्र की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुई थी। दरअसल, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वैश्विक स्तर पर काफी अशांति फैल गई थी। सभी देश एक-दूसरे के दुश्मन बन बैठे थे। इसके बाद युद्ध जीतने वाले देशों ने एक ऐसा संगठन बनाने का प्रस्ताव रखा जो वैश्विक स्तर पर शांति बनाए रखे और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई। 24 अक्टूबर 1945 में 50 देशों ने एक पत्र पर हस्ताक्षर किए और विश्व स्तर पर शांति बनाए रखने का वादा किया। न्यूयॉर्क शहर में संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय है और इसके जिनेवा, वियना और नैरोबी में क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं। इसकी आधिकारिक भाषाएं अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी और स्पेनिश हैं।