उद्धव के सामने बड़ी चुनौती, 4.7 लाख करोड़ के कर्ज में महाराष्ट्र, कहां से लाएंगे पैसा?

देश की आर्थिक राजधानी में ठाकरे सरकार की शुरुआत हो गई। गुरुवार को महाराष्‍ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उद्धव ठाकरे ने पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा। शिवसेना ने सामना में लेख लिखा जिसमें कहा कि पांच साल में राज्य पर पांच लाख करोड़ का कर्ज लादकर फडणवीस सरकार चली गई। इसलिए नए मुख्यमंत्री ने जो संकल्प लिया है, उस पर तेजी से लेकिन सावधानीपूर्वक कदम रखना होगा।'

दरअसल, बीते जून महीने में महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने 2019-20 का अंतरिम बजट पेश किया था। इस बजट में बताया गया कि महाराष्‍ट्र पर कर्ज का बोझ 4.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक का है। वहीं 2018-19 में महाराष्‍ट्र सरकार की देनदारियां 4.14 लाख करोड़ रुपये थी, जो लगातार बढ़ रही है। इस बजट में बताया गया कि महाराष्ट्र सरकार का राजस्व घाटा बढ़कर 20,292.94 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। एक साल पहले राजस्व घाटा 14,960.04 करोड़ रुपये था। जून में बजट पेश करते हुए तब के वित्त मंत्री सुधीर मुंगटीवार ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में सरकार का राजस्व व्यय 3,34,933.06 करोड़ रुपये और राजस्व प्राप्ति 3,14,640.12 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। वहीं राजकोषीय घाटा की बात करें तो 61,669.94 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। एक साल पहले महाराष्ट्र का राजकोषीय घाटा 56,053.48 करोड़ रुपये था। इस लिहाज से करीब 6 हजार करोड़ का इजाफा हो सकता है। बता दें कि सरकार ने कुल बजट 3 लाख 34,933 करोड़ रुपये रखा था।

बता दें कि देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महाराष्ट्र का योगदान 14.4 फीसदी है। महाराष्‍ट्र की आर्थिक सर्वेक्षण में राज्य की विकास दर में 7.5 फीसदी की वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया था। महाराष्ट्र में प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 91 हजार 827 रुपये है। हालांकि एक साल पहले के मुकाबले इस बार राज्य में प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2017-18 में प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 76 हजार 1022 रुपये थी, जो 2018-19 में बढ़कर 1,91,827 रुपये हो गई। वहीं महाराष्‍ट्र में बेरोजगारी दर की बात करें तो 2017-18 में 4.9 फीसदी पर थी। अगर महाराष्ट्र की कुल जीडीपी की बात करें तो 26 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।