25 नवंबर को अयोध्या जाएंगे उद्धव ठाकरे, राम मंदिर के मुद्दे पर PM मोदी से पूछेंगे यह सवाल...

एक तरफ़ जहा संघ प्रमुख मोहन भागवत मोदी सरकार से राम मंदिर के लिए सरकार क़ानून लाने की बात कर रही है वही दूसरी तरफ NDA के सहयोगी दल शिवसेना प्रमुख का भी कहना है कि बीजेपी राम के मुद्दे पर लोगों के साथ छल न करे। गुरुवार को मुंबई में आयोजित पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर सहित कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।

उद्वव ने कहा कि देश में अब '2014 जैसी लहर' नहीं है। भाजपा ने 2014 में अपनी चुनावी जीत का श्रेय 'मोदी लहर' को दिया था। ठाकरे ने शिवसेना कार्यकर्ताओं से चुनावों के लिए तैयार रहने को कहा। शिवसेना प्रमुख ने राम मंदिर के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि वह 25 नवंबर को अयोध्या जाएंगे और पीएम मोदी से पूछेगें कि राम मंदिर का निर्माण क्यों नहीं हो रहा है। शिवसेना प्रमुख ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जैसे अच्छे दिन एक जुमला है, 15 लाख रुपये खाते में भेजना एक जुमला है वैसे ही अगर आपने राम मंदिर पर बात नहीं किया तो उसे भी जुमला बोलना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि इस बार तो हम बस चेतावनी देने आ रहे हैं। अगर आपने कुछ नहीं किया तो हम हिंदूवादियों को एक साथ लेकर मंदिर बनाएंगे। मंदिर बनाने का अधिकार केवल आपके अकेले का नहीं है।

उद्धव ने यह भी कहा कि सिर्फ़ हिंदुत्व की वजह से वो सरकार में है। बता दें कि इसके पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत Mohan Bhagwat ने राम मंदिर राग Ram Mandir छेड़ा था। उनकी मांग है कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए सरकार कानून बनाए। मोहन भागवत ने कहा, 'राम जन्मभूमि स्थल का आवंटन होना बाकी है, जबकि साक्ष्यों से पुष्टि हो चुकी है कि उस जगह पर एक मंदिर था। राजनीतिक दखल नहीं होता तो मंदिर बहुत पहले बन गया होता। हम चाहते हैं कि सरकार कानून के जरिए (राम मंदिर) निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे।'

आरएसएस प्रमुख ने कहा, 'राष्ट्रहित के इस मामले में स्वार्थ के लिए सांप्रदायिक राजनीति करने वाली कुछ कट्टरपंथी ताकतें रोड़े अटका रही हैं। राजनीति के कारण राम मंदिर निर्माण में देरी हो रही है।'