उदयपुर: 9 फरवरी को आयोजित किया जाएगा 11वां प्रादेशिक जनजाति प्रतिभा सम्मान समारोह

उदयपुर। 11वां प्रादेशिक जनजाति प्रतिभा सम्मान एवं सर्वसमाज शिक्षक गौरव समारोह रविवार 9 फरवरी को उदयपुर में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने के लिए मेवाड़-वागड़-मालवा जनजाति विकास संस्थान की एक महत्वपूर्ण बैठक किसान भवन में प्रभुलाल डिंडोर की अध्यक्षता में आयोजित की गई।

बैठक में बोलते हुए संस्थान के केंद्रीय समन्वयक एवं उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें निखारने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, प्रतिभाएं राष्ट्र की धरोहर हैं। उन्हें पहचानना, संरक्षित करना और मंच प्रदान कर प्रोत्साहित करना हमारा कर्तव्य है। इससे न केवल भावी नेता तैयार होते हैं, बल्कि समाज में एकता और सकारात्मकता भी बढ़ती है।

पूर्व सांसद और संस्थान के संस्थापक रघुवीर सिंह मीना ने इस तरह के प्रेरक कार्यक्रमों के आयोजन में सामूहिक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, हमें 'भामाशाह' (परोपकारी संरक्षक) के रूप में कार्य करना चाहिए क्योंकि छोटे-छोटे योगदान मिलकर महत्वपूर्ण परिणाम देते हैं। इस तरह की पहल में राजनीतिक संबद्धता से परे प्रतिभा को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

पूर्व सांसद और संस्थान के संरक्षक अर्जुनलाल मीना ने ऐसे कार्यक्रमों में निरंतरता के महत्व पर जोर देते हुए कहा, इस तरह के कार्यक्रमों की निरंतरता उनकी सफलता सुनिश्चित करती है। इस युवा-केंद्रित कार्यक्रम ने समुदायों में चर्चाओं को जन्म दिया है और इसे जन भागीदारी के साथ आयोजित किया जाना चाहिए।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए पी.एल. डिंडोर ने घोषणा की कि समारोह में मेवाड़-वागड़-मालवा क्षेत्र के नौ जिलों से 500 से अधिक प्रतिभाओं और 50 से अधिक शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा, कार्यक्रम में युवाओं को प्रेरित करने के लिए विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रेरक भाषण भी दिए जाएंगे।

बैठक में कार्यक्रम के आधिकारिक पोस्टर का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का समन्वय सी.बी. मीना करेंगे तथा इसमें भारत परमार, निरंजन दरंगा, डॉ. थावरचंद डामोर, लालू राम गरासिया, खेमराज परमार, राजेश कटारा, बलदेव दरंगा, केशु लाल मीना, संतोष परमार, डॉ. दीपक निनामा, डॉ. केसरीमल निनामा सहित आठ जिलों के प्रतिनिधियों सहित प्रमुख सदस्यों का सहयोग रहेगा।